प्रदूषण में 55 फीसदी हिस्सेदारी दूसरे हिस्सों के प्रदूषण की पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभारी डॉ. अरुण सक्सेना ने बुधवार को राजधानी के स्थानीय होटल में इस रिपोर्ट को जारी किया है। जबकि इन आकड़ों को विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज सिंह ने साझा किया। उन्होंने रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि राजधानी में बढ़ रहे प्रदूषण का एक कारण पड़ोसी देशों की हवा भी है। यहां प्रदूषण में 55 फीसदी हिस्सेदारी देश के दूसरे हिस्सों के प्रदूषण की है, जबकि 14 फीसदी प्रदूषण पड़ोसी मुल्क यानी पाकिस्तान, अफगानिस्तान सहित अन्य मुल्कों की है।
यह भी पढ़े – Mathura: नगर निगम कर्मचारी का कारनामा, खुद को नाग बताकर मारी फुंकार और फिर… 10 साल में 30 से 40 फीसदी प्रदूषण घटाने का लक्ष्य रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई कि लखनऊ में प्रदूषण फैलाने में सबसे बड़ी हिस्सेदारी आवासीय क्षेत्र की है, जो 23 फीसदी है। जबकि यूपी के बाकी शहरों का इसमें योगदान महज पांच फीसदी है। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि सिर्फ शहरों के हिसाब से प्रदूषण नियंत्रण प्लान बनाने से काम नहीं चलेगा। एयरशेड के हिसाब से एक्शन प्लान बनाना होगा। इस दिशा में भी यूपी ने कदम बढ़ा दिया है। वर्ल्ड बैंक वर्ष 2030 तक यूपी को 2000 करोड़ रुपये देगा। अगले 10 साल में प्रदेश में 30 से 40 फीसदी प्रदूषण घटाने का लक्ष्य रखा गया है।
आज के युग में पर्यावरण हमारी पहली प्राथमिकता उन्होंने कहा कि आज के युग में पर्यावरण हमारी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। मीडिया के पास सही ज्ञान साझा करने और जागरूकता पैदा करने के साथ लोगों को जागृत करने की शक्ति है क्योंकि मीडिया संविधान का चौथा स्तंभ है। इससे पूर्व उन्होंने टेरी और स्विस एजेंसी फॉर डेवलपमेंट एंड को-ऑपरेशन के सहयोग से आयोजित मीडिया संवेदीकरण कार्यशाला का शुभारम्भ किया। डॉ. सक्सेना ने पीएम 2.5 के उत्सर्जन सूची और स्रोत योगदान पर एक रिपोर्ट भी जारी की।