जताई उम्मीद यहां से निकला कोई खिलाड़ी मेडल जीतेगा तो दोबारा आऊंगा
लखनऊ•Dec 16, 2018 / 04:53 pm•
Mahendra Pratap
रविवार को मिल्खा सिंह ने लोकार्पण करते हुए दीवार पर लगे अपनी उपलब्धियों के चित्र देखकर खुशी जताई। दीवार पर लगी चित्रों को देखकर वह अपने खेल जीवन की पुरानी यादों में खो गए और एक-एक फोटो को देखकर उसके बारे में बताने लगे। उन्होंने स्कूल के कला व क्राफ्ट प्रदर्शनी उत्सव का भी इस अवसर पर उद्घाटन किया।
इससे पहले एक्सीलिया स्कूल पहुंचे दिग्गज एथलीट पद्मश्री मिल्खा सिंह का स्वागत स्कूल के संस्थापक निदेशक एमएस त्यागी, चेयरमैन डीएस पाठक, वाइस चेयरपर्सन मंजू पाठक और निदेशक आशीष पाठक ने पुष्पगुच्छ और स्मृति चिन्ह प्रदान करके किया। इस अवसर पर स्कूल की प्रधानाचार्या सोनिया वर्धन और महाप्रबंधक शेखर वार्ष्णेय एवं शालिनी पाठक भी मौजूद थे।
उन्होंने कहा कि हमारे समय में न ट्रैक सूट थे तो रनिंग शूज भी नहीं थे लेकिन फिर भी हम दौड़े और पदक जीते। हम आर्मी की जर्सी पहन कर दौड़ते थे। हमने बहुत मेडल जीते लेकिन रोम ओलंपिक-1960 में पदक से चूक कर चौथे स्थान पर रह जाने का अफसोस है। 91 वर्षीय मिल्खा सिंह 1960 के रोम ओलंपिक में 47.6 सेकेंड का रिकार्ड तोड़ समय निकालने के बावजूद चौथे स्थान पर रहे थे और बेहद मामूली अंतर से कांस्य पदक से चूक गए थे। मैने रोम ओलंपिक में वर्ल्ड रिकार्ड बनाया था लेकिन रिकार्ड से चूक गया था।
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