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किसानों को होगा लाखों का मुनाफा अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष 2023 में एमएसएमई ने आगरा, कानपुर मण्डल के लिए बाजरा, सोनभद्र और मिर्जापुर एवं बुंदेलखंड के लिए सावां को बतौर ओडीओपी उत्पाद चुना है। इससे समान कृषि जलवायु के नाते बाजरा उत्पादक आगरा मंडल एवं बुंदेलखंड के दो दर्जन जिलों के लाखों किसानों को लाभ होगा। सरकार इनमें से मिर्जापुर के ज्वार एवं देशी बाजरा, कानपुर के लाल ज्वार को जीआई टैग दिलाने के लिए भी शिद्दत से लगी है। यह भी पढ़ें
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कृषि उत्पादों को जीआई टैग हाल ही में सरकार की हाई पावर कमेटी ने प्रदेश के जिन 21 कृषि उत्पादों को जीआई टैग के लिए हरी झंडी दी है, उनमें मिलेट्स माने जाने वाले ये उत्पाद शामिल हैं। बाकी उत्पादों में लखनऊ की रेवड़ी, बाराबंकी एवं रामपुर का मेंथा, गोरखपुर का पनियाला, गोठा का गुड़, मऊ का बैगन, आगरा का पेठा, मथुरा का पेड़ा, खुर्जा का खुरचन, मेरठ का गजक, बुंदेलखंड की अरहर दाल, हाथरस का गुलाब जल, गुलकंद, बलिया का बोरो धान, संडीला का लड्डू, एटा का चिकोरी, फर्रुखाबाद का फुलवा आलू, फतेहपुर का मालवा पेड़ा, सोनभद्र का चिरौंजी है। यह भी पढ़ें: कृषि विशेषज्ञ डॉ. अखिलानंद पांडेय ने बताई खास बातें अभी तक देश के कुल 420 कृषि उत्पादों को जीआई टैग मिला है। इनमें से उत्तर प्रदेश के 6- सुर्खा अमरूद प्रयागराज, सिद्धार्थनगर का काला नमक चावल, लखनऊ का दशहरी , बागपत का रटौल आम, महोबा का देशावरी पान और बासमती हैं। उपनिदेशक रह चुके कृषि विशेषज्ञ डॉ. अखिलानंद पांडेय के मुताबिक उत्तर प्रदेश की कृषि जलवायु विविधता (9 तरह की एग्रो क्लाइमेट) के सापेक्ष जीआई की संख्या कम है।