2018 में यूपी के कई जिलों के नाम बदले गए। जब योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने हैं तब से कई जिलों के नाम बदले जा चूके हैं। योगी सरकार ने सबसे पहले मुगलसराय का नाम बदला इस का नाम बदल कर पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर रखा, उसके बाद इलाहाबाद का नाम प्रयागराज और अभी दीपावली से एक दिन पहले अयोध्या में दीपोत्सव के दौरान फैजाबाद जिले का नाम अयोध्या रखने का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐलान कर दिया। इन तीन जिलों के नाम बदलने के बाद अब राज्य के करीब तेरह जिलों के नाम बदले की सुगबुगाहट तेज हो गई है। प्रदेश में कई जिलों और जगहों के नाम बदलने की मांग उठने लगी है।
इन जिलों के भी बदलेंगे नाम?
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जब मुगलसराय का नाम पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर रखा तो उस समय ही एक बात साफ हो गई थी कि उनकी प्राथमिकता मुस्लिम नाम वाले शहरों के नाम बदलना है। वहीं इलाहाबाद और फैजाबाद का नाम बदलने के बाद इन कयासों पर अब मुहर लग गई। इसलिए अब लोगों ने प्रदेश के कई और जिलों के नाम बदलने की मांग शुरू कर दी है। इन लोगों का तर्क है कि प्रदेश में कई और जिले ऐसे हैं जिनके मुस्लिम नाम हैं। इसलिए सीएम को यहां के नाम भी बदलने चाहिए। यूपी में कई ऐसे जिले हैं जिनके नाम बदलने की मांग उठ रही है।
लखनऊ
बतादें कि बीते दिनों बिहार के राज्यपाल लालजी टंडन ने लखनऊ का नाम बदलकर लक्ष्मणपुर करने की बात कही थी। लालजी टंडन के मुताबिक लखनऊ को लक्ष्मण ने बसाया था। पहले यहां का नाम लक्ष्मणपुर और लक्ष्मणावती था, बाद में इसे लखनपुर भी कहा जाने लगा। नाम बदलते-बदलते इसे अंग्रेजी में लखनऊ कहा जाने लगा। अब लखनऊ का नाम बदलने की मांग भी दबे जुबान से उठने लगी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जब मुगलसराय का नाम पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर रखा तो उस समय ही एक बात साफ हो गई थी कि उनकी प्राथमिकता मुस्लिम नाम वाले शहरों के नाम बदलना है। वहीं इलाहाबाद और फैजाबाद का नाम बदलने के बाद इन कयासों पर अब मुहर लग गई। इसलिए अब लोगों ने प्रदेश के कई और जिलों के नाम बदलने की मांग शुरू कर दी है। इन लोगों का तर्क है कि प्रदेश में कई और जिले ऐसे हैं जिनके मुस्लिम नाम हैं। इसलिए सीएम को यहां के नाम भी बदलने चाहिए। यूपी में कई ऐसे जिले हैं जिनके नाम बदलने की मांग उठ रही है।
लखनऊ
बतादें कि बीते दिनों बिहार के राज्यपाल लालजी टंडन ने लखनऊ का नाम बदलकर लक्ष्मणपुर करने की बात कही थी। लालजी टंडन के मुताबिक लखनऊ को लक्ष्मण ने बसाया था। पहले यहां का नाम लक्ष्मणपुर और लक्ष्मणावती था, बाद में इसे लखनपुर भी कहा जाने लगा। नाम बदलते-बदलते इसे अंग्रेजी में लखनऊ कहा जाने लगा। अब लखनऊ का नाम बदलने की मांग भी दबे जुबान से उठने लगी है।
सुल्तानपुर
अन्य जिलों के नाम बदलने के बाद सुल्तानपुर का भी नाम बदलने की सुगबुगाहट उठने लगी है। माना जाता है कि भगवान राम के बेटे कुश ने सुल्तानपुर की स्थापना की थी। इसलिए इसका नाम कुशपुरा या कुशभवनपुर किए जाने की मांग तेज हो रही है।
अन्य जिलों के नाम बदलने के बाद सुल्तानपुर का भी नाम बदलने की सुगबुगाहट उठने लगी है। माना जाता है कि भगवान राम के बेटे कुश ने सुल्तानपुर की स्थापना की थी। इसलिए इसका नाम कुशपुरा या कुशभवनपुर किए जाने की मांग तेज हो रही है।
अकबरपुर
बतादें कि अंबेडकर नगर जिले का मुख्यालय अकबरपुर है। मायावती ने अपनी सरकार के दौरान 1995 में फैजाबाद से अलग कर अंबेडकर नगर जिले का निर्माण किया था। माना जाता है कि यहां राजा दशरथ ने श्रवण कुमार पर तीर चलाया था। इसलिए इसका नाम भी बदलने की मांग उठ रही है।
बतादें कि अंबेडकर नगर जिले का मुख्यालय अकबरपुर है। मायावती ने अपनी सरकार के दौरान 1995 में फैजाबाद से अलग कर अंबेडकर नगर जिले का निर्माण किया था। माना जाता है कि यहां राजा दशरथ ने श्रवण कुमार पर तीर चलाया था। इसलिए इसका नाम भी बदलने की मांग उठ रही है।
फर्रुखाबाद
इतिहास के मुताबिक नवाब मोहम्मद खां बंगश ने फर्रुखाबाद की स्थापना की थी। आने वाले दिनों में इस जिले का नाम भी बदल सकता है। इन जिलों के अलावा गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर, गाजीपुर, अलीगढ़, फिरोजाबाद, शाहजहांपुर, मुरादाबाद, मिर्जापुर, आजमगढ़, बहराइच और फतेहपुर सीकरी जिले भी ऐसे हैं जो मुस्लिम नामों पर रखे गए हैं। योगी सरकार द्वारा मुगलसराय, इलाहाबाद और फैजाबाद जिले का नाम बदलने के बाद अब इन जिलों के नाम बदलने की भी पुरजोर मांग उठने लगी है।
इतिहास के मुताबिक नवाब मोहम्मद खां बंगश ने फर्रुखाबाद की स्थापना की थी। आने वाले दिनों में इस जिले का नाम भी बदल सकता है। इन जिलों के अलावा गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर, गाजीपुर, अलीगढ़, फिरोजाबाद, शाहजहांपुर, मुरादाबाद, मिर्जापुर, आजमगढ़, बहराइच और फतेहपुर सीकरी जिले भी ऐसे हैं जो मुस्लिम नामों पर रखे गए हैं। योगी सरकार द्वारा मुगलसराय, इलाहाबाद और फैजाबाद जिले का नाम बदलने के बाद अब इन जिलों के नाम बदलने की भी पुरजोर मांग उठने लगी है।
उनका नाम जरूर बदला जाएगा-अनुपमा जायसवाल बहराइच. बेसिक शिक्षा एवं बाल विकास मंत्री अनुपमा जायसवाल ने अयोध्या में दीपोत्सव कार्यक्रम और फैज़ाबाद का नाम बदलकर अयोध्या किए जाने पर सीएम योगी की तारीफ की। उन्होंने कहा कि योगी सरकार ने ये ऐतिहासिक काम करके राम की प्राचीन अयोध्या नगरी के गौरव को वापस दिलाने का ऐतिहासिक काम किया है। इस कार्य के लिए पूरा देश सीएम योगी को धन्यवाद ज्ञापित कर रहा है। फैज़ाबाद के प्राचीन नाम को परिवर्तित कर अयोध्या करने पर मंत्री ने कहा कि जिस तरह अवध के नाम का अपभ्रंश कर नाम बदल दिया गया था। इस तरह ब्रम्हा की नगरी बहराइच को प्राचीन नाम (ब्रह्माइच) करने के साथ ही जिन-जिन जिलों के नाम को परिवर्तित करने की आवश्यकता होगी, उनका नाम जरूर बदला जाएगा।
………………………. मुद्दों से भटकाने के लिए बदले नाम : ओम प्रकाश राजभर
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर योगी आदित्यनाथ सरकार में दिव्यांग कल्याण मंत्री हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कई शहर का नाम बदलने का फैसला हमारे तो गले नहीं उतर रहा है। उन्होंने कहा कि नाम बदलना मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए किया जा रहा नाटक है। सरकार में रहकर सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वाले मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने शहरों के नाम बदलने को लेकर भाजपा को आड़े हाथों लिया है। वे बोले कि भाजपा पहले अपने मुस्लिम नेताओं के नाम बदले।
उल्लेखनीय है कि हाल में सरकार ने पहले मुगलसराय का नाम बदला, इलाहाबाद का प्रयागराज कर दिया और फैजाबाद का अयोध्या। राजभर ने कहा भाजपा ने इलाहाबाद, मुगलसराय और फैजाबाद का नाम बदल दिया क्योंकि वह मुगल के नाम पर थे।
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर योगी आदित्यनाथ सरकार में दिव्यांग कल्याण मंत्री हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कई शहर का नाम बदलने का फैसला हमारे तो गले नहीं उतर रहा है। उन्होंने कहा कि नाम बदलना मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए किया जा रहा नाटक है। सरकार में रहकर सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वाले मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने शहरों के नाम बदलने को लेकर भाजपा को आड़े हाथों लिया है। वे बोले कि भाजपा पहले अपने मुस्लिम नेताओं के नाम बदले।
उल्लेखनीय है कि हाल में सरकार ने पहले मुगलसराय का नाम बदला, इलाहाबाद का प्रयागराज कर दिया और फैजाबाद का अयोध्या। राजभर ने कहा भाजपा ने इलाहाबाद, मुगलसराय और फैजाबाद का नाम बदल दिया क्योंकि वह मुगल के नाम पर थे।