लखनऊ

गर्मी: बेजुबान पशुओं के लिए नहीं कोई सरकारी व्यवस्था, ये युवा बन रहे मददगार

Lucnow Weather: गर्मी में 35 डिग्री सेल्सियस तापमान और तपती धूप में हर किसी की हालत खराब हो जाती है। ऐसे में जब इंसानों की हालत खराब है तो जानवरों का अंदाजा लगा सकते हैं। सरकार द्वारा भी कोई मदद नही। लेकिन युवाओं का एक समूह जानवरों के लिए फरिश्ता बनकर सामने आया है।

लखनऊMar 26, 2022 / 02:32 pm

Snigdha Singh

animal help

तपती गर्मियों में इंसान तो जैसे तैसे करके अपनी छांव, पीने और खाने की व्यवस्थी कर लेता है। लेकिन बेजुबान जानवरों का जिम्मेदार कौन है अभी तक शहर में न तो शासन और न ही प्रशासन द्वारा कोई जानवरों की व्यवस्था की। लेकिन युवाओं की एक टोली निरंतर जानवरों की सेवा के लिए आगे पढ़ रही है। इन युवाओं का समूह है यूथविलर्स। इतना नहीं बल्कि डॉग फीडिंग ड्राइव, रक्तदान और पौधरोपण जैसे काम कर रहे हैं।
शनिवार को लखनऊ का अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। इतनी तपती गर्मी में सरकार द्वारा न तो इंसानों के लिए कोई व्यवस्था की गई और न ही जानवरों के लिए। नगर निगम द्वारा पौशाला या पानी की मशीन भी चौराहों से गायब है। ऐसे में शहर के कुछ युवा बेजुबानों की मदद के लिए आगे आए हैं। यूथविलर्स की नींव रखने वाले उत्कर्ष बताते हैं कि लखनऊ शहर में कम से कम 150 वॉलेंटियर्स है। अलग अलग दिन समूह में जाकर वालेंटियर्स काम को देखते हैं। कुत्ते, बिल्ली, बंदरों का खाना देते हैं। गायों के लिए गर्मियों में पानी की व्यवस्था कर रहे हैं। पानी रखने के लिए सीमेंट की बनीं नांद शहर के बाहरी क्षेत्रों में अधिक है। इन युवाओं से जुड़कर कोई और भी मदद करना चाहता है तो सोशन मीडिया पर youthwillers से जुड़ सकता है।
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अपनी पॉकेटमनी से करते हैं इंतजान

युवाओं के टीम शहर के अलग अलग क्षेत्रों में बेजुबानों के लिए काम कर रही। जानवरों के लिए जगह पर पानी की व्यवस्था और कुत्तों के खाने का इंतजाम अपनी पॉकेट मनी से कर रहे हैं। बता दें रोजाना करीब 200 से अधिक कुत्ते हैं, जिनको ब्रेड और दूध उपलब्ध कराते हैं। गर्मियों से बचाव के लिए करीब 105 जगह पानी की व्यवस्था कर चुके हैं।
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क्या है यूथविलर्स का मकसद

यूथविलर्स का मकसद है अपनी कुशलताओं को बढ़ाने के साथ समाजसेवा करना। समाज सेवा में कोविड के दौरान मास्क मशीन, डेटा वेरीफाई और प्रशासनिक अभियानों के हिस्सा बनकर लोगों की समस्याओं को दूर कर मदद कर रहे। वहीं, आयोजनों के माध्यम से आईटी, ग्राफिक, कंटेंट क्रिएटर, प्रबंधन आदि तमाम क्षेत्रों में काम करने से भविष्य में रोजगार के अवसरों में मदद मिल रही है। इसमें 11वीं कक्षा से लेकर पोस्ट ग्रैंजुएशन और कुछ नौकरी रहे युवा जुड़े हैं।

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