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साइबर फ्रॉड के जरिए ठगों द्वारा पुलिस के सीयूजी नंबरों का इस्तेमाल किया जा रहा है। कई प्रभारी निरीक्षकों की फर्जी आईडी बनाकर साइबर फ्रॉड की कोशिश की जा रही है। ठग आईपीएस अधिकारियों के नाम का भी इस्तेमाल कर रहे हैं।सावधानियां
. किसी भी अनजान व्यक्ति को ओटीपी न बताएं।. रूम रेंट, लोन ईएमआई, अश्लील वीडियो या फोटो, किसी मुकदमे में नाम आने, गिफ्ट पार्सल के नाम पर, कई बड़ी एजेंसियों का डर दिखाकर डिजिटल अरेस्ट करने की कोशिश की जा रही है।
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लखनऊ के कई थाना प्रभारियों के सीयूजी नंबर हैक किए गए हैं, जिनके माध्यम से लोगों को कॉल की जा रही है। लखनऊ में कोई भी प्रभारी निरीक्षक किसी को अनावश्यक कॉल नहीं करेंगे। मुकदमे, मादक पदार्थों की तस्करी व अन्य पार्सल आदि के नाम पर अपने सीयूजी नंबर से कॉल नहीं करेंगे। उनके द्वारा कॉल करने से ही आपको पता चल जाएगा कि यह कॉल साइबर ठगों की है या किसी पुलिस अधिकारी की है। इसलिए, अगर कोई ऐसी कॉल आती है तो एक बार वेरीफाई जरूर करें। सावधानी ही बचाव है।