National Postal कर्मचारियों का होता है सम्मान पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि ‘नेशनल पोस्टल वर्कर डे’ की अवधारणा अमेरिका से आई जहाँ वाशिंगटन राज्य के सीऐटल शहर में वर्ष 1997 में कर्मचारियों के सम्मान में इस विशेष दिवस की शुरुआत की गई। धीरे-धीरे इसे भारत सहित अन्य देशों में भी मनाया जाने लगा। यह दिन दुनिया भर में डाक कर्मियों माध्यम से की जाने वाली सेवा के सम्मान में मनाया जाता है।
डाक कर्मियों की भूमिका हुआ बदलाव वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि डाककर्मियों की भूमिका में बहुत से बदलाव आये है। ‘डाकिया डाक लाया’ के साथ ‘डाकिया बैंक लाया’ भी अब उतना ही महत्वपूर्ण है। पत्रों और पार्सल के साथ-साथ आधुनिक दौर में लोगों के जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण चीजें पोस्टमैन ही घर-घर वितरित करता है।
ई-कामर्स को बढ़ावा देने के लिए कैश ऑन डिलीवरी आधार कार्ड, पासपोर्ट, पैन कार्ड, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस, बैंक चेक बुक, एटीएम जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों के साथ-साथ विभिन्न मंदिरों के प्रसाद, दवाईयां और रक्षाबंधन पर्व पर राखियाँ भी डाकियों के माध्यम से ही पहुँचायी जा रही हैं। वाराणसी परिक्षेत्र में दो हजार से ज्यादा पोस्टमैन लोगों के दरवाजे पर हर रोज दस्तक लगाते हैं,जिनके माध्यम से औसतन प्रति माह 6 लाख स्पीड पोस्ट व पंजीकृत पत्र और 13 लाख साधारण पत्रों का वितरण किया जा रहा है। ई-कामर्स को बढ़ावा देने के लिए कैश ऑन डिलीवरी, लेटर बाक्स से नियमित डाक निकालने के लिए नन्यथा मोबाईल एप एवं डाकियों के माध्यम से एण्ड्रोयड बेस्ड स्मार्ट फोन आधारित डिलीवरी और वित्तीय सेवाएं प्रदान करना जैसे तमाम कदम डाक विभाग की अभिनव पहल हैं।
National Postal Workers आधार, डीबीटी, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, ई-श्रम कार्ड की सुविधा
पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि डाक विभाग का सबसे मुखर चेहरा डाकिया है। डाकिया की पहचान चिट्ठी-पत्री और मनीऑर्डर बाँटने वाली रही है, पर अब डाकिए के हाथ में स्मार्ट फोन और बैग में डिजिटल डिवाइस भी है। इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के माध्यम से आर्थिक और सामाजिक समावेशन के तहत पोस्टमैन चलते-फिरते एटीएम के रूप में नई भूमिका निभा रहे हैं और जन सुरक्षा योजनाओं से लेकर आधार, डीबीटी, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, ई-श्रम कार्ड, वाहन बीमा,डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट तक की सुविधा प्रदान कर रहे हैं।
घर बैठे ली जा सकती है सुविधा
घर-घर जाकर आईपीपीबी के अंतर्गत डाकियों के माध्यम से घर बैठे 5 वर्ष तक के बच्चों का आधार बनाने, आधार में मोबाइल नंबर अपडेट करने के तहत प्रति माह 20,000 लोगों का आधार नामांकन/अद्यतनीकरण का कार्य किया जा रहा है, वहीं 18,000 लोगों को आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम के माध्यम से घर बैठे उनके विभिन्न बैंक खातों से नगदी उपलब्ध करायी जा रही है। आज भी डाककर्मी जाड़ा, गर्मी, बरसात की परवाह किये बिना सुदूर क्षेत्रों तक डाक सेवाएँ प्रदान कर रहे हैं।