सरकार के महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह ने कोर्ट में स्वीकारा कि आरक्षण के रोटेशन में सरकार से गलती हुई है। नये आरक्षण रोटेशन के लिए उन्होंने कोर्ट से थोड़ा और वक्त मांगा था। इस पर हाईकोर्ट ने 15 मई के बजाय 25 मई तक पंचायत चुनाव पूरा कराने का आदेश दिया। प्रक्रिया पूरी करने के लिए कोर्ट ने 10 दिन का और वक्त दे दिया। इससे पहले हाईकोर्ट की एक डिवीजन बेंच ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को 15 मई तक पूरा करने के निर्देश दिए थे।
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25 मई तक पंचायत चुनाव कराने के आदेश
अजय कुमार की याचिका पर फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि वर्ष 2015 को आरक्षण का बेस वर्ष मानकर काम पूरा किया जाए। फैसले से पहले राज्य सरकार ने अदालत में खुद कहा था कि वह 2015 को आधार वर्ष मानकर त्रिस्तरीय चुनाव में आरक्षण की व्यवस्था लागू करने के लिए स्वयं तत्पर है। अदालत ने पंचायत चुनाव को 25 मई तक पूरा करने के आदेश दिए है।
जनहित याचिका पर सुनाया फैसला
याचिकाकर्ता अजय कुमार ने हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में 11 फरवरी 2011 के शासनादेश को चुनौती देते हुए एक जनहित याचिका दाखिल की थी, जिसमें कहा गया था कि इस बार की आरक्षण सूची 1995 के आधार पर जारी की जा रही है, जबकि 2015 को आधार वर्ष बनाकर आरक्षण सूची जारी की जानी चाहिए। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा कि वर्ष 1995 के आधार पर आरक्षण की व्यवस्था से जहां सामान्य सीट होनी चाहिए थी, वहां पर ओबीसी कर दिया गया और जहां ओबीसी होना चाहिए, वहां एससी के लिए आरक्षित कर दी गई है। इससे चुनाव लड़ने वालों में निराशा है। लिहाजा शासनादेश को रद्द कर वर्ष 2015 के आधार पर आरक्षण की व्यवस्था होनी चाहिए। याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अंतिम आरक्षण सूची जारी किए जाने पर रोक लगा दी थी।
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