कोरोना जांच के लिए प्राइवेट अस्पतालों में फीस तय, ज्यादा वसूली पर होगी सख्त
लखनऊ. राज्य में कोरोना (Covid-19) के बढ़ते दायरे को देखते हुए योगी सरकार ने गैर सरकारी व निजी क्षेत्र के अस्पतालों में विभिन्न जांचों के शुल्क तय किए हैं। ऐसा करने से निजी अस्पताल व जांच करने वाली प्राइवेट लैब मनमाना शुल्क नहीं वसूल सकेगी। अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने शुल्क की दरों के लेकर आदेश जारी किया है। आदेश में जिलों को ए, बी और सी श्रेणी में रखा गया है। इसी अनुसार शुल्क तय किए गए हैं। नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फॉर हास्पिटल एंड हेल्थ केयर प्रोवाइडर (एनएबीएच) से प्रमाणित अस्पतालों के लिए अलग शुल्क तय किया गया है। इसमें पीपीई किट का रेट भी शामिल है। वहीं, निजी अस्पतालों को चेतावनी भी दी गई है कि अगर आदेश का उल्लंघन किया तो उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
ए, बी और सी श्रेणी में शामिल ये जिले ए श्रेणी में लखनऊ, कानपुर, आगरा, वाराणसी, प्रयागराज, बरेली, गोरखपुर, मेरठ, गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद को शामिल किया गया है, जबकि बी श्रेणी के जिलों में मुरादाबाद, अलीगढ़, झांसी, सहारनपुर, मथुरा, रामपुर, मिर्जापुर, शाहजहांपुर, अयोध्या, फीरोजाबाद, मुजफ्फरनगर और फर्रुखाबाद हैं। शेष सारे जिले सी श्रेणी में हैं।
ये भी पढ़ें: सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को हुआ कोरोना, खुद सीएम योगी भी हैं आइसोलेटइस तरह निर्धारित हुए रेट लैब का कर्मचारी अगर सैंपल लेने घर आता है, तो जांच का शुल्क 900 रुपये वसूला जाएगा। वहीं अगर, कोई व्यक्ति निजी लैब में आरटीपीसीआर जांच कराता है, तो उससे 700 रुपये लिए जाएंगे। अगर राज्य सरकार के चिह्नित अधिकारी द्वारा निजी अस्पताल में जांच के लिए सैंपल भेजा जाता है, तो सैंपल देने वाले से अधिकतम 500 रुपये ही लिया जाएगा। वहीं आईसीयू में वेंटिलेटर के साथ वाले बेड पर भर्ती मरीज से एक दिन का अधिकतम 18 हजार रुपये लगेगा। इसी तरह ए श्रेणी के जिलों में इलाज का जो शुल्क होगा, उसका 80 प्रतिशत बी श्रेणी और 60 प्रतिशत सी श्रेणी के जिलों के अस्पतालों में लिया जाएगा।