वर्ष 2007 और 2009 में बलिया से सांसद रहे नीरज शेखर को अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने 2019 के लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया था। इससे वह नाराज थे। गौरतलब है बलिया लोकसभा सीट से उनके पिता चंद्रशेखर आठ बार सांसद चुने गये। चंद्रशेखर के निधन के बाद नीरज शेखर ने ही बलिया से उपचुनाव लड़ा और भारी मतों से जीते भी थे। इसके बाद बाद वह 2009 में भी सपा से सांसद चुने गये। 2014 में नीरज भाजपा प्रत्याशी से चुनाव हार गये। बीते आम चुनाव में पिता की विरासत छिनने से वह अखिलेश यादव से नाराज थे। समाजवादी पार्टी ने बलिया से सनातन पांडेय को पार्टी उम्मीदवार बनाया था, जो मामूली अंतर से भाजपा के कैंडिडेट वीरेंद्र सिंह से चुनाव हार गये थे।
सपा को दोहरा झटका दे गये नीरज
यूपी विधानसभा उपचुनाव (UP Vidhansabha Upchunav 2019) से पहले नीरज शेखर (Neeraj Shekhar) के भाजपा में शामिल होने को समाजवादी पार्टी के लिए दोहरा झटका माना जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि एक बड़ी पृष्ठभूमि वाले नेता ने समाजवादी पार्टी से किनारा कर लिया, वहीं राज्यसभा की एक सीट भी सपा के खाते में कम हो गई। 2019 के आम चुनाव से पहले तक नीरज शेखर अखिलेश यादव के बेहद करीबी नेता माने जाते थे।
यूपी विधानसभा उपचुनाव (UP Vidhansabha Upchunav 2019) से पहले नीरज शेखर (Neeraj Shekhar) के भाजपा में शामिल होने को समाजवादी पार्टी के लिए दोहरा झटका माना जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि एक बड़ी पृष्ठभूमि वाले नेता ने समाजवादी पार्टी से किनारा कर लिया, वहीं राज्यसभा की एक सीट भी सपा के खाते में कम हो गई। 2019 के आम चुनाव से पहले तक नीरज शेखर अखिलेश यादव के बेहद करीबी नेता माने जाते थे।
रामगोपाल बोले फर्क नहीं पड़ता
नीरज शेखर के बीजेपी में शामिल होने पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने कहा है कि नीरज शेखर उन्हें अपना गुरू मानते हैं। आज गुरु पूर्णिमा है, इस नाते वह उन्हें सिर्फ आशीर्वाद दे सकते हैं। कहा कि शुभकामनाएं नीरज के साथ हैं। सियासी दल रेलगाड़ी की तरह होते हैं। यहां लोग छड़ते हैं और उतर जाते हैं। समाजवादी पार्टी में कार्यकर्ताओं की भीड़ लगी हुई है। किसी के आने-जाने से पार्टी पर कोई असर नहीं पड़ता है।
नीरज शेखर के बीजेपी में शामिल होने पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने कहा है कि नीरज शेखर उन्हें अपना गुरू मानते हैं। आज गुरु पूर्णिमा है, इस नाते वह उन्हें सिर्फ आशीर्वाद दे सकते हैं। कहा कि शुभकामनाएं नीरज के साथ हैं। सियासी दल रेलगाड़ी की तरह होते हैं। यहां लोग छड़ते हैं और उतर जाते हैं। समाजवादी पार्टी में कार्यकर्ताओं की भीड़ लगी हुई है। किसी के आने-जाने से पार्टी पर कोई असर नहीं पड़ता है।
नीरज शेखर का राजनीतिक सफर
2007 में पिता चंद्रशेखर की मौत के बाद उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के टिकट पर बलिया से सांसद चुने गये
– 2009 के लोकसभा चुनाव में बसपा के संगम सिंह यादव यादव को हराकर वह दोबारा सांसद चुने गये
– 2014 के लोकसभा चुनाव नीरज शेखर भारतीय जनता पार्टी के भरत सिंह से करीब एक लाख मतों से चुनाव हार गये
2007 में पिता चंद्रशेखर की मौत के बाद उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के टिकट पर बलिया से सांसद चुने गये
– 2009 के लोकसभा चुनाव में बसपा के संगम सिंह यादव यादव को हराकर वह दोबारा सांसद चुने गये
– 2014 के लोकसभा चुनाव नीरज शेखर भारतीय जनता पार्टी के भरत सिंह से करीब एक लाख मतों से चुनाव हार गये