लखनऊ

राष्ट्रीय पोषण माह 2024: जिलाधिकारी बोले, “माँ का स्वास्थ्य बेहतर तो नवजात भी होगा स्वस्थ”

National Nutrition Month 2024: लखनऊ में बक्शी का तालाब ब्लाक में तहसील दिवस के मौके पर राष्ट्रीय पोषण माह मनाया गया साथ ही जिलाधिकारी ने महिलाओं को अपने स्वास्थ्य को लेकर दी कई महत्वपूर्ण जानकारी।

लखनऊSep 22, 2024 / 09:35 am

Ritesh Singh

National Nutrition Month 2024

National Nutrition Month 2024: लखनऊ में तहसील दिवस पर राष्ट्रीय पोषण माह के तहत एक विशेष कार्यक्रम आयोजित हुआ, जिसमें जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार ने गर्भवती महिलाओं और किशोरियों के पोषण पर जोर देते हुए कहा कि “माँ का स्वास्थ्य बेहतर होगा, तो नवजात भी स्वस्थ होगा।” यह कार्यक्रम बक्शी का तालाब ब्लॉक में हुआ, जिसमें स्थानीय खाद्य पदार्थों से बनी रेसिपी का प्रदर्शन और कई अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों के जरिए लोगों को पोषण के महत्व के बारे में जागरूक किया गया।
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राष्ट्रीय पोषण माह के तहत तहसील दिवस पर विशेष आयोजन

हर साल 1 से 30 सितंबर तक पूरे देश में राष्ट्रीय पोषण माह मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य पोषण और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। इस वर्ष भी लखनऊ के बक्शी का तालाब ब्लॉक में तहसील दिवस पर इसका आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार ने की। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने गर्भवती महिलाओं और किशोरियों के स्वास्थ्य पर जोर देते हुए कहा कि “माँ का स्वास्थ्य बेहतर होगा, तो नवजात भी स्वस्थ होगा।” उन्होंने बताया कि बेहतर पोषण ही अच्छे स्वास्थ्य की कुंजी है, और यदि गर्भावस्था के दौरान माँ को सही पोषण मिलता है, तो न केवल माँ बल्कि बच्चा भी स्वस्थ पैदा होता है।
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किशोरियों का पोषण भी है महत्वपूर्ण

जिलाधिकारी ने अपने संबोधन में किशोरियों के पोषण पर भी विशेष ध्यान देने की बात कही। उन्होंने कहा कि आज की किशोरी ही भविष्य में माँ बनती है, इसलिए उन्हें पोषण से समृद्ध रखना जरूरी है। उन्होंने बताया कि अगर बच्चे कुपोषित होते हैं, तो उनका शारीरिक और मानसिक विकास प्रभावित हो सकता है। यही कारण है कि हर साल एक खास थीम के साथ राष्ट्रीय पोषण माह मनाया जाता है। इस साल की थीम “पोषण भी पढ़ाई भी” रही, जिसमें शिक्षा और पोषण के संतुलन पर जोर दिया गया।

स्थानीय खाद्य पदार्थों से बनी रेसिपी और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन

इस कार्यक्रम के दौरान स्थानीय खाद्य पदार्थों से बनी पौष्टिक रेसिपी का प्रदर्शन भी किया गया। इस पहल का मकसद लोगों को अपने आसपास उपलब्ध सामग्री का उपयोग करके बेहतर और पौष्टिक आहार बनाने के लिए प्रेरित करना था। इसके साथ ही गर्भवती महिलाओं की गोदभराई और बच्चों के अन्नप्राशन जैसी रस्मों को भी आयोजित किया गया, जिनका सांकेतिक महत्व पोषण और स्वास्थ्य के साथ जोड़ा गया।
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माँ और बच्चों को मिला सम्मान

कार्यक्रम के दौरान एक विशेष सम्मान समारोह भी आयोजित किया गया, जिसमें अति गंभीर कुपोषण से सामान्य श्रेणी में आए बच्चों की माताओं को सम्मानित किया गया। इस पहल के माध्यम से सरकार और समाज दोनों ही कुपोषण से निपटने के लिए समर्पित हैं। कार्यक्रम में गर्भवती मीरा की गोदभराई, छह माह के बच्चे रुपेश का अन्नप्राशन और यीशु का जन्मदिवस भी मनाया गया। इस दौरान जिलाधिकारी ने बच्चों के स्वास्थ्य पर ध्यान देने की अपील की और कहा कि सही पोषण के बिना शारीरिक और मानसिक विकास संभव नहीं है।

सभी जिला स्तरीय अधिकारियों की उपस्थिति

कार्यक्रम में मुख्य विकास अधिकारी अजय जैन, उपजिलाधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रेयस कुमार, विकासखंड अधिकारी और अन्य जिला स्तरीय अधिकारी भी उपस्थित रहे। बाल विकास परियोजना के प्रभारी अधिकारियों ने भी कार्यक्रम में भाग लिया और अपने अनुभव साझा किए।
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जिलाधिकारी ने अंत में कहा कि समाज में जागरूकता लाने के लिए ऐसे कार्यक्रमों की भूमिका महत्वपूर्ण है। पोषण का महत्व केवल व्यक्तिगत स्तर पर नहीं, बल्कि पूरे समाज के स्तर पर समझने की जरूरत है, और इसके लिए सभी को मिलकर काम करना होगा।

राष्ट्रीय पोषण माह का उद्देश्य

राष्ट्रीय पोषण माह का मुख्य उद्देश्य देशभर में कुपोषण से लड़ने और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए जन जागरूकता फैलाना है। इस साल भी इस कार्यक्रम के तहत विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें पोषण पर ध्यान केंद्रित किया गया है। यह पहल बच्चों, गर्भवती महिलाओं और किशोरियों को स्वस्थ और पोषणयुक्त जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करती है।

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