सर्वे के बाद मस्जिदों का होगा विस्तार सर्वे के लिस बनाई गईं टीमें देख रही हैं कि किस मस्जिद की कितनी क्षमता है और इसका कितना विस्तार किया जा सकता है। यदि एक या दो मंजिल विस्तार की आवश्यकता है तो उसके लिए अधिकृत विभागों से अनुमति लेकर विस्तार कराया जाएगा। ऐसा करने से क्षमता दोगुनी तक बढ़ाई जा सकती है। सड़क पर नमाज का बड़ा कारण मस्जिदों का समय भी है। यदि आपसी सहमति से कुछ संशोधन कर दिया जाए तो ऐसी मस्जिदों में जहां क्षमता है वहां नमाजियों की संख्या बढ़ जाएगी। जहां क्षमता कम है वहां उतने ही अकीदतमंद मस्जिद में आसानी से नमाज अदा कर सकेंगे।
यह भी पढ़े – हार के सदमे से यूपी आना भूलीं प्रियंका गांधी क्षमता में सुधार से यह होंगे फायदे हम सब जानते हैं कि सड़क पर नमाज असुरक्षित है, इससे पूरी सुरक्षा मिलेगी। सड़क मार्ग बाधित न होने से एंबुलेंस आदि नहीं फंसेंगी। एक से दो घंटे होने वाले डायवर्जन को रोका जा सकेगा। मस्जिद में सफाई रहेगी, सड़क धुलाई हर जगह संभव नहीं है।
देश में कानपुर पेश करेगा उदाहरण सुन्नी उलमा काउंसिल महामंत्री हाजी मोहम्मद सलीस ने कहा कि शरई तौर पर यह अच्छी बात है कि हम मस्जिद के अंदर नमाज अदा करें। इससे दूसरों को होने वाली तकलीफें खत्म होंगी। सर्वे के बाद मशावरती बोर्ड की बैठक बुलाकर हल निकालने की कोशिश है। यह काम जल्द पूरा कराया जाएगा। हम एक आदर्श उदाहरण पेश कर सकेंगे। इसके लिए योजना भी तैयार हो चुकी है।