बैठक में तय हुआ कि यदि इस तरह का कोई नियमों का उल्लंघन करता मिला तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। निर्देशों का हिंदू और मुस्लिम धर्म के लोगों ने पालन करने का आश्वासन भी दिया है। इस दौरान लाउडस्पीकर से संबंधित कोर्ट के आदेश को भी लोगों को बताया गया कि कोई भी नया लाउडस्पीकर नहीं लगाएगा और यदि किसी ने लगाया है और उसका कोई आदेश नहीं है तो वह तत्काल उतार ले चाहे वह मंदिर हो या फिर मस्जिद नहीं तो कार्रवाई की जाएगी।
यह भी पढ़े – कोरोना के बदल रहे लक्षण, संक्रमितों की बढ़ती संख्या में क्या फिर से लग सकता लॉकडाउन नियमों की हद में रहकर स्वतंत्रता से मनाए पर्व इस दौरान जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने उपस्थित लोगो से अपील की है कि चाहे वे कोई भी धर्मावलंबी हो , किसी भी धर्म को मानने वाला हो, उसे पूरी स्वतंत्रा है कि वे अपने-अपने मान्यताओ के अनुसार त्यौहार को मनाए, लेकिन ऐसा कोई भी काम न करे जिसकी वजह से किसी अन्य धर्मावलंबी को परेशानी हो। अपील की है कि रमजान और ईद पर नमाज अदा करते समय इस बात का ध्यान रखा जाए, कि भीड़ परिसर के बाहर न हो। ताकि आम लोगों को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।
यह भी पढ़े – एसी और कार के लिए करता था अप्राकृतिक सेक्स, अंत में महिला ने उठाया ये कदम जुलूस और शोभा यात्रा के लिए अनुमति जरूरी आगामी पर्व के दौरान किसी तरह का जुलूस या शोभायात्रा बिना अनुमति के नहीं निकाली जाएगी। यह भी कहा कि कोई नई परंपरा की शुरुआत नहीं होगी। उच्चतम न्यायालय के जो निर्देश लाउडस्पीकर के संबंध में दिए गए हैं उनका पालन किया जाए। बता दें कि लाउड स्पीकर की आवाज दिन में 55 और रात्रि में 45, साइलेन्स एरिया(शान्त एरिया) दिन में 50 और रात्रि में 40 डेंसिबल अधिकतम तीव्रता होनी चाहिए।
यह भी पढ़े – वैक्सीन ट्रायल को ढूंढे नहीं मिले 180 फ्रेश वालंटियर, कोरोना से कई गुना अधिक रखेगी सुरक्षित इंट्रा नेजल दो बार में पढ़ी जाएगी नमाज जिला अधिकारी के द्वारा दिए गए निर्देश का पालन करते हुए ईदगाह कमेटी के सचिव चौधरी अब्दुल वहीद ने बताया कि उनके ईदगाह से बाहर नमाज नहीं पढ़ी जाएगी यदि भीड़ अधिक हो जाती है तो नमाज को 2 शिफ्ट में भी कराने की व्यवस्था की जाएगी। वही नगर पालिका मोहनदाबाद के अध्यक्ष शमीम अहमद ने बताया कि ईद की नमाज में परिसर के अंदर जितने भी लोग आएंगे वह नमाज पढ़ेंगे और जो शेष रह जाएंगे वह किसी अन्य जमात में नमाज पढ़ेंगे। कोशिश रहेगी कि बाहर नमाज न पढ़ी जाए। आम लोगों की सुविधाओं का ख्याल रखा जाएगा।