जानकारों का मानना है 15 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान पर 1 किलोग्राम पेट्रोल करीब 1.1 लीटर के आसपास होता है। वहीं, 40 डिग्री तापमान में पेट्रोल का आयतन अधिक हो जाता है। इस तापमान पर 1 किलोग्राम पेट्रोल की नाप के समय रीडिंग 1.2 लीटर दिखाएगी। मतलब, आप ले रहे हैं 1 किलोग्राम पेट्रोल और पैसे दे रहे हैं 1.2 लीटर के, जबकि सुबह में उसी एक किग्रा के लिए आपने 1.1 लीटर का पैसा दिया था। यानी दोपहर को पेट्रोल भराने पर आपको 100 मिलीलीटर का पैसा अधिक देना होगा या फिर 100 मिली पेट्रोल कम मिलेगा। यानी 40 डिग्री तापमान पर एक लीटर पेट्रोल भरवाने में आपको करीब 100 ग्राम का नुकसान होगा। यह मात्रा थोड़ी कम ज्यादा भी हो सकती है। ऐसे ही डीजल भी दोपहर में भराने से नुकसान होने की अधिक संभावना है।
और ठगा जाता है उपभोक्ता?
जानकारों का कहना है कि पेट्रोल की नाप और शुद्धता में उसके घनत्व की अहम भूमिका होती है। जानकारी के अभाव में उपभोक्ता बिना पेट्रोल डलवाते वक्त सिर्फ रुपए और मीटर देखता है, लेकिन डेंसिटी (घनत्व) मीटर पर नजर नहीं डालता। जबकि, पेट्रोल की शुद्धता और सही माप में डेंसिटी की अहम भूमिका होती है और डेसिंटी का निर्धारण तापमान पर निर्भर करता है। राजधानी के लखनऊ सिटी कॉलेज के भौतिक विज्ञान के टीचर अजय श्रीवास्तव बताते हैं कि हाइड्रोमीटर से पेट्रोल की डेंसिटी मापी जाती है। डेंसिटी मापने के लिए टेम्प्ररेचर व हाईड्रोमीटर की रीडिंग की जाती है।
जानकारों का कहना है कि पेट्रोल की नाप और शुद्धता में उसके घनत्व की अहम भूमिका होती है। जानकारी के अभाव में उपभोक्ता बिना पेट्रोल डलवाते वक्त सिर्फ रुपए और मीटर देखता है, लेकिन डेंसिटी (घनत्व) मीटर पर नजर नहीं डालता। जबकि, पेट्रोल की शुद्धता और सही माप में डेंसिटी की अहम भूमिका होती है और डेसिंटी का निर्धारण तापमान पर निर्भर करता है। राजधानी के लखनऊ सिटी कॉलेज के भौतिक विज्ञान के टीचर अजय श्रीवास्तव बताते हैं कि हाइड्रोमीटर से पेट्रोल की डेंसिटी मापी जाती है। डेंसिटी मापने के लिए टेम्प्ररेचर व हाईड्रोमीटर की रीडिंग की जाती है।
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तो शुद्ध है आपका डीजल-पेट्रोललखनऊ में हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड की एक पेट्रोल पम्प पर काम कर रहे एक कर्मचारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पेट्रोल का घनत्व अगर 730 से 800 के बीच है, तो वह शुद्ध और सही तौल का माना जाता है। लेकिन अगर वह 730 से कम है या 800 से ज्यादा है तो मिलावट हो सकती है। डीजल की डेंसिटी भी 830 से 900 के मध्य होती है। लखनऊ के लोगों ने बातचीत में बताया कि तेल डलवाते वक्त वह सिर्फ मीटर में पैसें और लीटर देखते हैं, डेंसिटी पर उनका कभी ध्यान ही नहीं जाता।
खुद करें घनत्व की जांच
ज्यादातर पेट्रोल पंप डेंसिटी मीटर बंद रखते हैं या उसे शून्य पर रखते हैं। हालांकि, हिंदुस्तान पेट्रोलियम क्वॉलिटी एश्योरेंस के अनुसार, उपभोक्ता पेट्रोल पंप पर खुद पेट्रोल के घनत्व की जांच कर सकता है। किसी भी तरल पदार्थ का घनत्व मापने के लिए हायड्रोमीटर एक बहुत ही सरल उपकरण है। आमतौर पर यह सभी पेट्रोल पंप पर उपलब्ध होता है और कस्टमर के मांगने पर उन्हें उपलब्ध कराया जाएगा। अगर घनत्व तय मानक से कम है तो ग्राहक को तुरंत सम्बंधित रिटेल क्षेत्रीय कार्यालय में संपर्क करना चाहिए।
ज्यादातर पेट्रोल पंप डेंसिटी मीटर बंद रखते हैं या उसे शून्य पर रखते हैं। हालांकि, हिंदुस्तान पेट्रोलियम क्वॉलिटी एश्योरेंस के अनुसार, उपभोक्ता पेट्रोल पंप पर खुद पेट्रोल के घनत्व की जांच कर सकता है। किसी भी तरल पदार्थ का घनत्व मापने के लिए हायड्रोमीटर एक बहुत ही सरल उपकरण है। आमतौर पर यह सभी पेट्रोल पंप पर उपलब्ध होता है और कस्टमर के मांगने पर उन्हें उपलब्ध कराया जाएगा। अगर घनत्व तय मानक से कम है तो ग्राहक को तुरंत सम्बंधित रिटेल क्षेत्रीय कार्यालय में संपर्क करना चाहिए।