जमात इस्लामी ,जमियते उलेम हिंद,अहले हदीस,आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ,आल इंडिया मुस्लिम महिला लॉ बोर्ड को बिल दिखाए। ताकि उसमें अगर कोई कमी हो तो उसे सही किया जा सके । अध्यक्ष शाइस्ता अंबर ने कहाकि सरकारी संस्था और सरकारी अधिकारी इस मामले को जोड़ने में सहयोग करें। उन्होंने कहाकि तीन तलाक़ के मामले में माँग की हैकि जेल ना जाने पाय, धोखाधड़ी,ज़ुल्म हो तो उसे सज़ा मिले।
शाइस्ता अंबर ने बतायाकि तीन तलाक़ आज भी जारी है पीड़ितों को न्याय के लिए भटकना पड़ रहा है उन्होंने कहा केंद्र सरकार ने जो घोषणा कि है क्या वो सार्थक होंगी। तीन तलाक़ पर जो अध्यादेश लाया जा रहा है उसने सुझाव शामिल किए जाने की बात कही जा रही है हाजियों के लिए पैकेज दिए जा रहे ,महिलाओ को ज़ियारत करने की सुविधा मिलने का स्वागत किया है ।