मौलाना मदनी ने कहा कि किसानों को इतना मजबूत आंदोलन चलाने का रास्ता सीएए के खिलाफ आंदोलन से मिला। सीएए के खिलाफ आंदोलन में बुजुर्ग महिलाएं भी दिन-रात सड़कों पर बैठी रहीं। आंदोलन में शामिल लोगों पर गंभीर मुकदमे लगाये गये, लेकिन आंदोलन को कुचला नहीं जा सका। उन्होंने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री कहते हैं कि हमारे देश का संविधान लोकतांत्रिक है। इसलिए अब उन्हें कृषि कानूनों की तरह सीएए कानून को भी वापस लिया जाना चाहिए।
देश भर में हुए थे प्रदर्शन
सीएए-एनआरसी के खिलाफ लखनऊ सहित देश भर में मुस्लिमों ने प्रदर्शन किया था। इस दौरान कई जगह सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया। उत्तर प्रदेश सहित कई जिलों में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों पर मुकदमे दर्ज हुए थे। योगी सरकार ने उपद्रवियों से संपत्ति के नुकसान की वसूली भी की। कइयों पर अभी भी केस चल रहे हैं।