प्रदर्शनकारियों का कहना था कि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के लोग लगातार हिंसा, उत्पीड़न और भेदभाव का शिकार हो रहे हैं। मुस्लिम समाज के लोगों ने इस हिंसा के खिलाफ अपने गुस्से का इजहार करते हुए बांग्लादेश सरकार और प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस के खिलाफ विरोध जताया। उनका कहना था कि बांग्लादेश में हो रहे ऐसे हमलों के बाद वहां की सरकार और प्रशासन के द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों ने भाजपा कार्यालय के बाहर अपने आक्रोश का इजहार किया और बांग्लादेश सरकार की निंदा की। पुतला दहन के दौरान कुछ ही समय में मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई और लोग नारेबाजी करने लगे। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने “हिंदू-मुसलमान एकता जिंदाबाद” और “बांग्लादेश में हो रहे अत्याचारों का विरोध करो” जैसे नारे लगाए।
इस प्रदर्शन के आयोजनकर्ताओं का कहना था कि उनका उद्देश्य सिर्फ हिंदू समुदाय के खिलाफ हो रहे अत्याचारों को उजागर करना था। उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा की निंदा करते हुए सरकार से यह अपील की कि वह इस मुद्दे पर त्वरित कार्रवाई करे। इस प्रदर्शन में शामिल कुछ प्रदर्शनकारियों ने यह भी कहा कि यह केवल बांग्लादेश की समस्या नहीं है, बल्कि यह एक मानवाधिकार उल्लंघन है जिसे सभी देशों को गंभीरता से लेना चाहिए।
प्रदर्शन में शामिल लोगों का मानना है कि इस प्रकार के अत्याचारों को शांतिपूर्वक तरीके से रोका जा सकता है यदि पूरी दुनिया की सरकारें इस पर ध्यान दें और आवश्यक कदम उठाएं। मुस्लिम समाज ने यह भी कहा कि इस प्रदर्शन का उद्देश्य केवल बांग्लादेश के मामलों में हस्तक्षेप करना नहीं है, बल्कि पूरी दुनिया में सभी अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों की रक्षा की दिशा में कदम उठाना है।
इस प्रदर्शन को लेकर भाजपा के स्थानीय नेताओं ने कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन यह स्पष्ट था कि यह घटना काफी चर्चित हो गई। भाजपा कार्यालय के बाहर पुतला दहन करने की घटना के बाद स्थानीय प्रशासन ने क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी और स्थिति को नियंत्रित किया।
मुस्लिम समाज के नेताओं ने इस विरोध प्रदर्शन में अपनी एकजुटता दिखाई और कहा कि जब तक बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचार नहीं रुकते, तब तक उनका विरोध जारी रहेगा। साथ ही, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सभी धर्मों के लोग एकजुट होकर दुनिया भर में शांति और समानता की ओर कदम बढ़ाएं।
इसके अलावा, कुछ नेताओं ने बांग्लादेश सरकार से इस बात की अपील की कि वह अपने नागरिकों के अधिकारों का सम्मान करें और खासकर हिंदू समुदाय के लोगों को सुरक्षा प्रदान करें। उनका कहना था कि बांग्लादेश में रहने वाले हिंदू समुदाय को अपनी धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार है, और यदि उन्हें इस अधिकार से वंचित किया जाता है तो यह अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन होगा।