लखनऊ

आतंकी मुर्तजा पुलिस को बुलाता था खटमल, अरबी भाषा के कोड में करता था बात

एटीएस की पूछताछ में पता चला है कि आइएसआइएस कैंप से एक युवती ने उसे ई-मेल किया था। उसने अपनी फोटो भेजा और भारत आने पर मिलने का वादा किया। मुर्तजा ने उस युवती को 40 हजार रुपए भी भेजे थे। 2017 में उसने कंप्यूटर प्रोग्रामिंग सीखी थी तभी उसे लगने लगा था कि वह वह जन्नत में है, लेकिन अल्लाह उससे खफा हैं।

लखनऊApr 09, 2022 / 07:29 pm

Prashant Mishra

गोरखपुर. गोरखनाथ मंदिर के पीएसी जवानों पर हमले का आरोपी अहमद मुर्तजा अब्बासी आइएसआइएस कैंप की एक युवती के संपर्क में था। युवती के एकाउंट में उसने कई बार पैसे भेजे थे। वह उससे अरबी भाषा के कोड में बात करता था। अरबी कोड की भाषा में पुलिस वालों को खटमल कह कर पुकारा जाता था। वह जल्द ही आइएसआइएस में शामिल होने की तैयारी में था।
एटीएस की पूछताछ में पता चला है कि आइएसआइएस कैंप से एक युवती ने उसे ई-मेल किया था। उसने अपनी फोटो भेजा और भारत आने पर मिलने का वादा किया। मुर्तजा ने उस युवती को 40 हजार रुपए भी भेजे थे। 2017 में उसने कंप्यूटर प्रोग्रामिंग सीखी थी तभी उसे लगने लगा था कि वह वह जन्नत में है, लेकिन अल्लाह उससे खफा हैं।
2020 में आया आइएसआइएस के संपर्क में

जनवरी 2020 से मुर्तजा हाईटेक कंप्यूटर कोडिंग सीखने के दौरान सीरिया के आतंकी संगठनों के संपर्क में आया। तब उनसे प्रभावित होकर नेपाली खातों से उसने उन्हें आठ लाख रुपये भेजे। इस बीच नेपाल सीमा पर स्थित संदिग्ध मदरसों में जाकर तकरीरें सुनने लगा। एटीएस पता लगा रही है कि उसके खाते में इतने रुपये कहां से आए।
मुर्तजा की किताब के आतंकी कोड

देश में या देश के बाहर फोन पर बात करते समय फ्लाइट को अरबी में रिहलत तयारान बोला जाता है। इसका मतलब उड़ान होता है। मुर्तजा ने किताब में इस शब्द को मार्कर से हाईलाइट किया था। मुर्तजा का ब्रेनवॉश करने के लिए अरबी के अलजिहाद शब्द का प्रयोग होता था। मुर्तजा को फिदायीन बनाने के लिए उसे जन्नत के बारे में जानकारी दी जाती थी। मुर्तजा से बातचीत में पुलिस या सुरक्षा एजेंसियों को खटमल बोला जाता था।

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