बहुजन समाज पार्टी निकाय चुनाव में अच्छा प्रदर्शन के लिए अभी से जुट गई है। बसपा के प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल संगठन को मजबूत करने में जुट गए हैं। बसपा के सोए कार्यकर्ताओं के अंदर जान फूंकने के लिए विश्वनाथ पाल मंडल स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन कर रहे हैं, ताकि नगर निकाय चुनाव में अच्छा प्रदर्शन किया जा सके।
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16 नगर निगमों में 2 जीती थी बसपा 2017 में हुए नगर निकाय चुनाव को देखा जाए तो बीजेपी के बाद बसपा ने ही अच्छा प्रदर्शन किया था। 16 नगर निगमों में से 2 नगर निगम अलीगढ़ और मेरठ में बसपा के प्रत्याशी ने जीत दर्ज की थी। इसके साथ ही कई नगर पालिका और नगर पंचायतों में भी बीएसपी के प्रत्याशी जीते थे। ऐसे में बीएसपी इस बार निकाय चुनाव में भी अच्छा प्रदर्शन करने के लिए संगठन को मजबूत कर रही है। वहीं 2019 लोकसभा चुनाव में बसपा और सपा ने गठबंधन करके बीजेपी से मुकाबला किया था। जिसमें 10 सांसद बीएसपी के जीते थे और सपा के 5 सांसद जीते थे। वहीं मोदी के अगुवाई में बीजेपी ने 65 सीटों पर जीत दर्ज की थी। बाद में बीजेपी ने दो संसदीय उपचुनाव में भी जीत दर्ज की। वर्तमान में बीजेपी के 67 सांसद हैं।
2022 विधानसभा चुनाव में अकेले लड़ी बसपा कुछ दिनों के बाद सपा और बसपा में गठबंधन टूट गया। 2022 विधानसभा चुनाव में सपा और बसपा ने अकेले चुनाव लड़ा। बीएसपी एक सीटों पर जीतने में कामयाब रही। ऐसे में ऐसे में एक सीट पर सिमटी बीएसपी नगर निकाय में बेहतर प्रदर्शन करके कार्यकर्ताओं को नई ऊर्जा देना चाहती है। इसको लेकर प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल ने कल मंडल के आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी और मथुरा के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया।
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इस दौरान बसपा प्रदेश अध्यक्ष ने ओबीसी आरक्षण को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा और कहा कि बीजेपी सरकार ने जान बूझकर ओबीसी आरक्षण में कमियां छोड़ी ताकि लोग कोर्ट जाएं। कोर्ट का फैसला आने के बाद ही सरकार ने पिछड़ों में मैसेज देने के लिए कमीशन को गठित कर दिया है।