एनडीए सरकार ने सदन में यूएपीए बिल पेश किया। संख्या बल के चलते लोकसभा में मोदी सरकार (Modi Sarkar) यह बिल पास कराने में तो सफल रही, लेकिन विपक्षी दलों के तीखे विरोध का सामना भी करना पड़ा। सरकार और विपक्ष के बीच तीखी तकरार तथा कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित उसके सहयोगी दलों के वॉक आउट के बीच बिल ध्वनिमत से पारित हो गया। विधेयक के पक्ष में 287 तो विपक्ष में महज आठ मत पड़े। सपा के तीन सांसद यूएपीए बिल का विरोध करते हुए सदन से वॉकआउट कर गये। इनमें रामपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद आजम खान (Azam Khan), संभल से सांसद सफीकुर्रहमान बर्क (Shafiqur Rahman Barq) और मुरादाबाद से सांसद एसटी हसन (ST Hasan) शामिल थे।
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सपा सांसद कर रहे थे वॉकआउट, आगे की सीट पर बैठे रहे मुलायमसपा सांसद जब यूएपीए बिल का विरोध कर सदन से वॉकआउट कर रहे थे। मुलायम सिंह यादव विपक्ष की आगे वाली सीट पर बैठे रहे। इतना ही नहीं उन्होंने बिल का समर्थन करते हुए सरकार के पक्ष में वोट भी किया। संशोधन विधेयक पर वोटिंग के दौरान मुलायम सिंह यादव तीन बार खड़े भी हुए। इस दौरान भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) और वीरेंद्र सिंह मस्त (Virendra Singh Mast) ने उनकी मदद की। अखिलेश यादव बुधवार को लोकसभा में आये तो थे, लेकिन यूएपीए बिल पर चर्चा और वोटिंग के दौरान सदन में मौजूद नहीं थे।
अखिलेश ने किया था यूएपीए के बहिष्कार का फैसला : सपा सांसद
मुरादाबाद से सपा सांसद एसटी हसन ने कहा कि मोदी सरकार का यूएपीए संसोधन कानून (UAPA) पूरी तरह से मुस्लिम और आदिवासियों के खिलाफ है। इस बिल में ऐसे प्रावधान हैं कि शक के आधार पर किसी को भी गिरफ्तार कर उसकी संपत्ति सील कर ली जाएगी। इसी के चलते समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस बिल का बहिष्कार करने का फैसला किया था। मुलायम (Mulayam Singh Yadav) द्वारा यूएपीए के बिल के समर्थन करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि उन्होंने क्या किया, हमें इसकी जानकारी नहीं है। अस्वस्थ होने के चलते वह सदन (Lok Sabha) से वॉकआउट करते समय नहीं निकल सके होंगे।
मुरादाबाद से सपा सांसद एसटी हसन ने कहा कि मोदी सरकार का यूएपीए संसोधन कानून (UAPA) पूरी तरह से मुस्लिम और आदिवासियों के खिलाफ है। इस बिल में ऐसे प्रावधान हैं कि शक के आधार पर किसी को भी गिरफ्तार कर उसकी संपत्ति सील कर ली जाएगी। इसी के चलते समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस बिल का बहिष्कार करने का फैसला किया था। मुलायम (Mulayam Singh Yadav) द्वारा यूएपीए के बिल के समर्थन करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि उन्होंने क्या किया, हमें इसकी जानकारी नहीं है। अस्वस्थ होने के चलते वह सदन (Lok Sabha) से वॉकआउट करते समय नहीं निकल सके होंगे।
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यूएपीए बिल की खास बातें– आतंकी गतिविधियों में संलिप्त होने की आशंका के आधार पर किसी भी व्यक्ति को आतंकी घोषित किया जा सकता है
– आतंकवादी गतिविधि पर संपत्ति जब्त करने से पहले एनआईए को डीजीपी की अनुमति नहीं लेनी होगी
– किसी तरह से आतंकियों की मदद करने वालों को आतंकवादी घोषित किया जा सकेगा
– आतंकवाद के मामले में एनआईए का इंस्पेक्टर स्तर का अधिकारी भी जांच कर सकेगा