दरअसल, मुलायम सिंह यादव की पत्नी साधना गुप्ता के फेफड़े में इंफेक्शन हो गया था। इसी बीमारी के चलते साधना गुप्ता का निधन हो गया था। लखनऊ में जब साधना गुप्ता के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया गया तो परिवार के साथ मुलायम सिंह यादव भी मौजूद रहे। मुलायम सिंह यादव की भी पहले ही तबीयत खराब थी, लेकिन उसके बाद से उनकी तबीयत इतनी खराब हुई कि ज्यादातर समय अस्पताल में ही बीता। 82 वर्षीय मुलायम सिंह यादव काफी कमजोर भी हो गए थे। इसी कारण वह राष्ट्रपति चुनाव में भी व्हीलचेयर पर बैठकर वोट डालने संसद पहुंचे थे।
यह भी पढ़े – लंबी बीमारी के बाद सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव का निधन अखिलेश यादव के साथ प्रतीक भी रहे मौजूद पिछले हफ्ते मुलायम सिंह यादव की तबीयत ज्यादा खराब होने पर उन्हें गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तभी से समाजवादी पार्टी अध्यक्ष और उनके बेटे अखिलेश यादव साथ रहे। उनके साथ ही मुलायम सिंह के छोटे बेटे प्रतीक यादव भी गुरुग्राम में रहे। नेता जी के निधन की जानकारी भी खुद अखिलेश यादव ने ही ट्वीट कर दी।
यह भी पढ़े – मुलायम सिंह यादव का निधन, सीएम योगी सहित यूपी के सभी नेता दुखी मुलायम सिंह यादव का राजनीतिक सफर बता दें कि देशभर में समाजवाद के वटवृक्ष माने जाने वाले मुलायम सिंह यादव ने कड़ी मेहनत के बाद राजनीति में अपनी बड़ी पहचान बनाई थी। वह साइकिल पर चलकर जनता के बीच पहुंचते थे। मुलायम सिंह पहली बार 1967 में विधानसभा के सदस्य चुने गए और मंत्री भी बने। इसके बाद 1992 में नेता जी ने समाजवादी पार्टी की स्थापना की। मुलायम सिंह तीन बार 5 दिसंबर 1989 से 24 जनवरी 1991, 5 दिसंबर 1993 से 3 जून 1996 और 29 अगस्त 2003 से लेकर 11 मई 2007 तक यूपी के मुख्यमंत्री रहे।