लखनऊ

मुलायम के करीबी व इस पूर्व सांसद को किया गया कांग्रेस से 6 साल के लिए निष्कासित, लगा यह आरोप

लोकसभा चुनाव के दैरान समाजवादी पार्टी से इस पार्टी आए पूर्व सांसद को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है।

लखनऊJul 11, 2019 / 11:04 pm

Abhishek Gupta

CONGRESS

लखनऊ. लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) के दैरान समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) से कांग्रेस (COngress) में आए पूर्व सांसद भालचंद्र यादव (Bhalchandra Yadav) को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता बृजेंद्र सिंह (Brajendra Singh) ने इसकी जानकारी दी। कांग्रेस को लोकसभा चुनाव के दौरान भितरघात की खूब शिकायतें मिल रही थी। इसकी जांच के लिए जून के अंतिम सप्ताह में तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई थी जिसमें पूर्व विधायक अनुराग नारायण सिंह, राम जियावन और विनोद चौधरी शामिल हैं। बीते माह ही कांग्रेस ने पूर्वी यूपी के छह विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तैयारियों और प्रबंधन के लिए समन्वयक बनाए थे। इसमें जलालपुर की जिम्मेदारी भालचंद्र यादव पर थी।
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कांग्रस प्रदेश प्रवक्ता ने दी निष्कासन की जानकारी-
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता बृजेंद्र सिंह ने बताया कि कांग्रेस अनुशासन समिति के सदस्यों अनुग्रह नारायण सिंह, विनोद चौधरी और राम जियावन ने समाजवादी पार्टी से पूर्व सांसद व संत कबीर नगर से कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी रहे भालचंद्र यादव को पार्टी से छह वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया गया है। भालचंद्र यादव पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त पाए गए है, जिसके चलते यह कार्रवाई की गई है।
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मुलायम के करीबी माने जाते हैं भालचंद्र-
भालचंद्र यादव समाजवादी पार्टी के पुराने नेता माने जाते हैं और मुलायम के बेहद करीबी हैं। भालचंद यादव ने 2004 और 2009 में संतकबीरनगर लोकसभा सीट से चुनाव जीता था। 2014 में मोदी लहर में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था और वहां से भाजपा के शरद त्रिपाठी ने जीत हासिल की थी। वहीं 2019 लोकसभा चुनाव में सपा के बसपा के गठबंधन से भालचंद्र नाखुश थे।
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Bhalchandra Yadav
सपा में टिकट न मिलने के चलते आए थे कांग्रेस में-

सपा का बसपा से गठबंधन होने के बाद संत कबीर नगर की सीट बसपा के पाले में चली गई थी। जिससे सपा से दो बार सांसद रहे भालचंद्र यादव काफी आहत हुए। पार्टी में अफनी अनदेखी के बाद उन्होंने सपा से बगावत कर दी थी। गठबंधन के खिलाफ उन्होंने आवाज उठाई। अंत में उन्होंने सपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया था। कांग्रेस ने संत कबीर नगर संसदीय क्षेत्र से अपने प्रत्याशी (परवेज खान) को बदलकर 24 घंटे पहले पार्टी में शामिल हुए भालचंद्र यादव को टिकट दे दिया था।

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