लखनऊ

अखिलेश और शिवपाल के बयानों के बाद मुलायम उठाएंगे बहुत बड़ा कदम, सभी आ सकते हैं एक साथ

समजावादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव व प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के मुखिया शिवपाल सिंह यादव के एकाएक एक दूसरे की लिए सकारात्मक विचार पेश करने के बाद राजनीतिक गलियारों में एक दूसरे के साथ आने की चर्चा जोरों पर है।

लखनऊSep 20, 2019 / 05:34 pm

Abhishek Gupta

Mulayam

लखनऊ. समजावादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव व प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के मुखिया शिवपाल सिंह यादव के एकाएक एक दूसरे के लिए सकारात्मक विचार पेश करने के बाद राजनीतिक गलियारों में एक दूसरे के एक साथ आने की चर्चा जोरों पर है। आखिर तीन वर्ष पूर्व पड़ी दरार को अचानक भरे जाने की उम्मीद दिखाई दे रही है। शिवपाल ने अखिलेश का नाम लिए बगैर सुलह की पूरी गुंजाइश की बात कही है तो, वहीं जवाब में अखिलेश यादव ने भी कहा है कि पार्टी में जो भी आना चाहे उसके लिए दरवाजे खुले हैं। राजनीतिक विशेषज्ञ इसे आगे के लिहाज से एक बड़े संकेत के रूप में देख रहे हैं। हालांकि जिस तरह हाल में सपा द्वारा शिवपाल सिंह यादव की विधान सभा सदस्यता रद्द करने के लिए कदम उठाया गया, उससे चाचा-भतीजे में खटास बढ़ती ही नजर आई थी। लेकिन शुक्रवार को दोनों की ओर से आए बयानों से यह प्रतीत हो रहा है कि वे अब भी दोबारा साथ आ सकते हैं।
ये भी पढ़ें- किसानों के लिए खुशखबरी, भाजपा सरकार के ढाई साल पूरे होने पर सीएम योगी ने सभी को जोड़ा इस बड़ी योजना से, होगा मुनाफा

अखिलेश ने कहा- पार्टी के दरवाजे खुले-

शुक्रवार को अखिलेश यादव ने इशारों में शिवपाल के पार्टी में आने के संकेत दिए हैं। पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में शिवपाल की पार्टी में वापसी के सवाल पर उन्होंने कहा कि हर किसी के लिए दरवाजे खुले हैं। जो पार्टी में आएगा उसे आंख बंद करके शामिल कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि उनके परिवार में कोई झगड़ा नहीं। परिवार एक है कोई अलग नहीं है। हमारे घर में लोकतंत्र है। कोई भी कहीं जा सकता है और कोई भी आ सकता है।
रामगोपाल की ओर शिवपाल का इशारा-
इससे पूर्व शिवपाल ने मैनपुरी में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव का नाम लिए बगैर उनपर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ षड्यंत्रकारी (साजिशकर्ता) लोग परिवार को एक होने नहीं देना चाह रहे हैं। शिवपाल पूर्व में भी परिवार में कलह के लिए रामगोपाल यादव को जिम्मेदार ठहरा चुके हैं।
मुलायम निभा सकते हैं भूमिका-
राजनीतिक विशेषज्ञ इसे आगे के लिहाज से एक बड़े संकेत के रूप में देख रहे हैं। दोनों तरफ से आए इन बयानों को यूपी की सियासत और यादव परिवार के लिए अहम माना जा रहा है। राजनीतिक जानकारों की मानें तो अखिलेश और शिवपाल के बयान दोनों के बीच जमी कड़वाहट की बर्फ के पिघलने की तरफ इशारा कर रहे हैं। हालांकि जिस तरह हाल में सपा द्वारा शिवपाल सिंह यादव की विधान सभा सदस्यता रद्द करने के लिए पत्र जारी किया गया है, उससे चाचा-भतीजे में खटास बढ़ती ही नजर आई थी। लेकिन जिस तरह सुलह की कोशिश हो रही है और अगर बातचीत सही दिशा में आगे बढ़ती है तो अखिलेश, शिवपाल की सदस्यता रद्द करने वाली याचिका भी वापस ली सकती है। इसमें सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। वे इन कोशिशों को अंजाम तक पहुंचाने के लिये विधानसभा उपचुनाव का इंतजार कर रहे थे। अब शुक्रवार को दोनों ओर से आए बयानों के बाद मुलायम दोबारा सुलह की कोशिश करते दिख सकते हैं।

Hindi News / Lucknow / अखिलेश और शिवपाल के बयानों के बाद मुलायम उठाएंगे बहुत बड़ा कदम, सभी आ सकते हैं एक साथ

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.