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शिवपाल सिंह यादव ने भले ही उन्हें आमंत्रण ने देने की बात कही थी, साथ ही उनके जनाक्रोश में होने या न होने से फर्क नहीं पड़ने जैसा बड़ा बयान दिया था, लेकिन मुलायम सिंह यादव ऐसी किसी भी स्थिति को हवा नहीं देना चाहते जिससे परिवारिक मतभेद बढ़े। आपको याद दिला कि इटावा में मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन के मौके पर शिवपाल ने बड़ा आयोजन किया था, लेकिन नेताजी इसमें नहीं पहुंचे थे, जिसके बाद ही शिवपाल उनसे बेहद नाराज दिखे थे।
लोगों में फिर भी असमंजस- जहां साफ तौर पर शिवपाल और मुलायम के बीच की रार दिखने लगी थी, वहीं अब नेताजी के इस कदम ने लोगों को एक बार असमंजस की स्थिति में डाल दिया है। सपा व प्रसपा के समर्थक उधेड़बुन में है कि आखिर मुलायम सिंह यादव किसके साथ हैं।