ये भी पढ़ें- सीएम योगी ने स्वतंत्र देव सिंह समेत 5 मंत्रियों का इस्तीफा किया मंजूरी, देखें लिस्ट मौका था अच्छा- मुलायम सिंह यादव कार्यालय पहुंचे। झंडारोहण के बाद उन्होंने कार्यकर्ताओं को संबोधित भी किया, लेकिन अखिलेश का वहां न होना सभी को ठीक नहीं लग रहा था। स्वतंत्रता दिवस पर पार्टी कार्यालय में आयोजित झंडारोहण कार्याक्रम एक अच्छा मौका था जिसमें अखिलेश यादव पार्टी में साफ संदेश दे सकते थे कि पुत्र और पिता में सब कुछ ठीक है। खासतौर पर तब जब हाल ही में सपा के कुछ राज्यसभा सांसद पार्टी छोड़ कर भाजपा में शामिल हो गए है, वहीं सपा की एकता को भी तोड़ने की कोशिश की जा रही है।
ये भी पढ़ें- उन्नाव दुष्कर्म मामला: पीड़िता के पिता की हत्या मामले में आरोपी सिपाही ने कोर्ट में दाखिल की याचिका, दिया बड़ा बयान प्रदेशव्यापी आंदोलन में नहीं दिखे अखिलेश- सपा से भाजपा में शामिल हुए राज्यसभा सांसद नीरख शेखर ने कहा था कि हाल में हुए सपा प्रदर्शन में नेत्रत्व की कमी थी। उनका इशारा 9 अगस्त को भाजपा सरकार के खिलाफ प्रदेश भर में हुए धरने प्रदर्शन की ओर था। सपा का इस पर कहना था कि अखिलेश यादव के निर्देशन में ही इस आंदोलन को अंजाम दिया गया था, हालांकि कमाल की यह भी है कि अखिलेश उस दिन प्रदेश में थे ही नहीं।