बीमार होने की दशा में ‘मुख्यमंत्री बेसहारा गौवंश सहभागिता योजना’ के अंतर्गत किसी गाय या बछड़े को गोद लेने के बाद अगर संबंधित व्यक्ति बीमार हो जाता है, तो इसकी जानकारी पशु चिकित्साधिकारी को देनी होगी। जिले का पशु पालन विभाग उस पशु की मुफ्त में चिकित्सा मुहैया करवाएगा। पशु की मौत होने की दशा में उसका पोस्टमार्टम किया जाएगा और अगर पशु की मौत के पीछे पशु पालक की लापरवाही सामने आई तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। इसके अलावा योजना के अंतर्गत जो भी किसान मवेशियों को गोद लेता है, वह उन्हें किसी को बेच नहीं सकता।
कौन ले सकता है योजना का लाभ इस योजना का लाभ वहीं किसान ले सकता है जो उत्तर प्रदेश का निवासी हो व जिसके पास मदर डेयरी हो। ऐसा इसलिए क्योंकि वही किसान मवेशियों को संरक्षण प्रदान कर सकता है।
आवश्यक दस्तावेज योजना का लाभ लेने वाले व्यक्ति के पास संबंधित दस्तावेज होना जरूरी है- – डेयरी कार्ड व किसान कार्ड – बैंक के दस्तावेज – आईडी प्रूफ (आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड)
– पासपोर्ट साइज फोटो योजना का लाभ – योजना के तहत जिलों के डीएम इच्छुक किसानों व पशुपालकों की लिस्ट तैयार करेंगे। जिससे कि डीबीटी के जरिए उनके खाते में 30 रुपये प्रति गोवंश ट्रांसफर किए जाएं।
– भ्रष्टाचार की संभावनाओं को कम करने के लिए सरकार द्वारा ईयर टैगिंग भी की जाएगी। – आवारा पशुओं को आसरा देने से घुमंतु जानवरों से छुटकारा मिलेगा। इससे खेती को होने वाले नुकसान का भी डर नहीं रहेगा।
– इसके अलावा तहसील, ब्लॉक व जिला स्तर पर समिति का गठन होगा। स्थानीय समिति प्रगति से बीडीओ व एसडीएम को अवगत कराएगी।