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बांदा मंडल कारागार में मुख्तार को अलग बैरक में रखा गया था, जहां उसे मनचाहा भोजन, फोन का इस्तेमाल और मिलने-जुलने की सुविधाएं मिलती रही। शासन द्वारा की गई जांच के बाद पता चला कि जेल के वरिष्ठ अधीक्षक, जेलर और अन्य अधिकारियों ने मुख्तार अंसारी को इन विशेष सुविधाओं का लाभ दिया था। यह भी पढ़ें
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जून 2022 में डीएम और एसपी द्वारा जेल का औचक निरीक्षण किया गया, जिसमें यह मामला उजागर हुआ। इसके बाद तत्काल प्रभाव से कार्रवाई करते हुए डिप्टी जेलर वीरेश्वर प्रताप सिंह और चार बंदी रक्षकों को निलंबित कर दिया गया था। इसके अलावा, वरिष्ठ जेल अधीक्षक अविनाश गौतम और जेलर वीरेंद्र कुमार वर्मा सहित अन्य अधिकारियों को भी निलंबित कर दिया गया था।कार्रवाई की मुख्य वजह
मुख्तार अंसारी की जेल में हनक और उसके बाहरी संपर्कों की वजह से उसे विशेष सुविधाएं मिलती रही। शासन द्वारा बार-बार चेतावनी के बावजूद, जेल के अधिकारियों ने उसे इन सुविधाओं का लाभ दिया था। मुख्तार को न सिर्फ मनचाहा भोजन मिलता था, बल्कि उसके गुर्गों का आना-जाना भी होता रहा और मोबाइल फोन से बातचीत करने की सुविधा भी थी। मुख्तार अंसारी को बांदा जेल में विशेष सुविधाएं देने के मामले में कई अधिकारियों और कर्मचारियों को निलंबित किया गया। इनमें शामिल हैं: 1.वरिष्ठ जेल अधीक्षक वीरेंद्र कुमार वर्मा – इन्हें निलंबित किया गया क्योंकि मुख्तार को मनचाहा भोजन और बाहरी लोगों से मिलने की सुविधा दी जा रही थी।
2.वरिष्ठ जेल अधीक्षक अविनाश गौतम – उन्हें भी मुख्तार को विशेष सुविधाएं देने के आरोप में निलंबित कर दिया गया।
3.डिप्टी जेलर वीरेश्वर प्रताप सिंह – औचक निरीक्षण के दौरान मुख्तार को विशेष सुविधाएं देने में संलिप्त पाए गए, जिसके बाद इन्हें भी निलंबित किया गया था।
4.चार बंदी रक्षक – ये चार बंदी रक्षक भी मुख्तार को सुविधाएं देने में शामिल थे, और इन्हें भी निलंबित किया गया था।
इन सभी अधिकारियों और कर्मचारियों पर शासन ने कड़ी कार्रवाई करते हुए निलंबन का आदेश दिया था।
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