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Patrika Positive News: कोरोना की तीसरी लहर को भी हराएंगी MSME इकाइयां, योगी सरकार भी देगी हर तरह की सुविधा

Patrika Positive News: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में उत्तर प्रदेश का उद्योग जगत सबसे बड़ा मददगार बनकर सामने आया है।

लखनऊMay 17, 2021 / 03:01 pm

नितिन श्रीवास्तव

Patrika Positive News: कोरोना की तीसरी लहर को भी हराएंगी MSME इकाइयां, योगी सरकार भी देगी हर तरह की सुविधा

लखनऊ. Patrika Positive News: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में उत्तर प्रदेश का उद्योग जगत सबसे बड़ा मददगार बनकर सामने आया है। यूपी की अर्थव्यवस्था की रीढ़ कही जाने वाली सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई MSME) इकाइयों ने कोरोना की पहली लहर की तरह ही दूसरी लहर में भी सरकार के चिकित्सा व्यवस्था को मजबूत करने के अभियान को मजबूती दी। अब तीसरी लहर की आशंका के साथ ही इस दिशा में भी तेजी से काम शुरू हो गया है। बच्चों के इलाज संबंधी चिकित्सा उपकरणों के उत्पादन के लिए एमएसएमई विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। इसी को देखते हुए योगी सरकार उद्यमियों को सब्सिडी से लेकर हर तरह की सुविधा-सहूलियत देने के लिए मंथन भी कर रही है।
प्रदेश में 90 लाख एमएसएमई इकाइयां

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में पंजीकृत और गैरपंजीकृत मिलाकर लगभग 90 लाख एमएसएमई इकाइयां हैं। कोरोना संकट काल से पहले योगी सरकार जब निवेश और कारोबार बढ़ाने के अभियान में जुटी थी, जब इसी क्षेत्र ने सबसे तेज कदम बढ़ाए और प्रदेश से निर्यात को अप्रत्याशित बढ़त दिलाई। इसके बाद कोरोना संक्रमण ने यूपी में दस्तक दी तो प्रदेश में पीपीई किट, मास्क और सैनिटाइजर निर्माण आदि की शुरुआत एमएसएमई इकाइयों ने इतनी मात्रा में कर दी कि प्रदेश इसमें आत्मनिर्भर हो गया। इसके बाद दूसरी लहर में सबसे ज्यादा संकट आक्सीजन आपूर्ति का आया। इसमें भी एमएसएमई विभाग ने सक्रियता दिखाई। उद्यमियों से संपर्क कर औद्योगिक इकाइयों से अस्पतालों को आक्सीजन की आपूर्ति शुरू कराई। कई इकाइयों ने आक्सीजन उत्पादन के नए प्लांट लगाना शुरू कर दिए। अब तीसरी लहर के लिए एमएसएमई सेक्टर कमर कसके तैयार है।
कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की तौयारी

यूपी सरकार के मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह के मुताबिक विशेषज्ञों ने आशंका जताई है कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर में बच्चे अधिक संक्रमित हो सकते हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अब उसी के मुताबिक संसाधन की व्यवस्था कर रहे हैं। इसी दिशा में एमएसएमई सेक्टर भी तैयारी कर रहा है। बच्चों के इलाज संबंधी चिकित्सा उपकरणों का उत्पादन शुरू कराया जाना है। बच्चों के मास्क, वेंटिलेटर आदि अलग से बनाए जाएंगे। इसके लिए पूंजी अनुदान की व्यवस्था कर ली गई है। इसके साथ ही अन्य सहूलियत-सुविधाएं देने पर भी विचार चल रहा है। उद्यमियों से भी सलाह ली जा रही है। अधिकारियों से कहा गया है कि जरूरत के अनुसार नीतियों में जो भी सरलीकरण करना हो, उसकी रिपोर्ट दें। जिससे जीवनरक्षा के उपायों में किसी तरह की कोई कसर न रह जाए।
सिडबी ने शुरू कीं ऋण योजनाएं

सूक्ष्म, छोटे तथा मझोले उद्योगों (एमएसएमई) को वित्तीय मदद देने के लिए सिडबी ने घटी ब्याज दरों वाले दो उत्पाद तैयार किए मममहैं, ताकि इन उद्योगों को कोविड-19 महामारी का मुकाबला करने के लिए आक्सीजन सिलेंडर, आक्सीमीटर जैसे अन्य जरूरी सामानों की आपूर्ति बढ़ने में में सक्षम बनाया जा सके। भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) ने एक बयान में कहा कि इन योजनाओं के तहत की गयी वित्तीय सहायता से महामारी के दौरान एमएसएमई द्वारा ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, ऑक्सीमीटर और आवश्यक दवाओं की आपूर्ति बढ़ाने में मदद मिलेगी। ये योजनाएं सरकार के मार्गदर्शन में तैयार की गई है। इन योजनाओं में सभी दस्तावेजों या सूचनाओं के मिलने के 48 घंटों के भीतर 4.5 प्रतिशत प्रति वर्ष की आकर्षक ब्याज दर पर दो करोड़ रुपये की राशि एमएसएमई इकाई को दी जा सकती है।
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