लखनऊ. कहते हैं अगर इरादे बुलंद हों, तो नामुमकिन कुछ भी नहीं होता। इस बात को सच कर दिखाया फतेहपुर की रहने वाली गीतांजलि सिंह ने। गीतांजलि मिसेज इंडिया क्वीन 2017 हैंं। इससे पहले वो 2016 में हुए मिसेज यूपी प्रतियोगिता की विजेता भी रह चुकी हैं। हाउसवाइफ से मिसेज क्वीन बनकर अपने एक्सपीरियेंस को गीतांजलि ने पत्रिका से खास बातचीत में शेयर किया।
ग्लैमर की तरफ था हमेशा से झुकाव- गीतांजलि ने बताया कि ग्लैमर की तरफ उनका झुकाव हमेशा से रहा था। वैसे तो गीतांजलि फतेहपुर में स्कूल संचालिका हैं, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अपने सपने को पूरा किया। लेकिन ये सपना शायद तब सपना रह जाता अगर उनकी फैमिली ने उन्हें सपोर्ट न किया होता। वहीं गीतांजलि कहती हैं कि ग्लैमर की ओर वो हमेशा से आकर्षित थीं और उन्हें भरोसा था कि वो एक दिन इसमें बड़ा मुकाम हासिल करेगी।
लोग पहले करते थे डीमोटीवेट, लेकिन अब करते हैं सपोर्ट- गीतांजली बताती हैं कि जब उन्होंने मिसेज इंडिया क्वीन क़ॉन्टेस्ट में भाग लिया था, तो कई लोगों ने उन्हें डीमोटीवेट किया था, लेकिन अब वहीं लोग उन्हें न सिर्फ सपोर्ट करते हैं बल्कि उन्हें अपना आईडल भी मानते हैं। आज आलम ये है कि कई युवतियां उनसे टिप्स लेती रहती हैं कि कैसे वो भी इस प्रोफेशन में खुद को आगे बढ़ा सकती हैं।
करना चाहती हैं सामाजिक कार्य- ये सब देखकर जाहिर है किसी को भी गीतांजलि पर गर्व होगा। वहीं गीतांजलि भी सिर्फ यहीं नहीं रुकने वाली। वह स्कूल की संचालिका के तौर पर बच्चों का भविष्य तो सवार ही रही हैं, साथ ही महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कई कार्य करने की योजना बना रही हैं।
सिर्फ बाहरी खूबसूरती ही काफी नहीं है- फेमिनिस्म पर अपने विचार देते हुए गीतांजली ने आगे बताया कि हर कोई सोचता है कि अगर आप को ब्यूटी कॉन्टेस्ट का हिस्सा बनना है, तो अापमे छरहरी काया और खूबसूरती होना जरूरी है, लेकिन जितना सच ये है उतना ही सच ये भी है कि बाहरी खूबसूरती से ज्यादा महत्वपूर्ण है अंदरूनी खूबसूरती भी। खुद पर विश्वास और मन में जुनून हो, तो कुछ भी हासिल करना मुमकिन है।