लखनऊ

Monsoon Update : आषाढ़ गया, अब क्या सावन भी बिना बदरा बीतेगा

Monsoon Update मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, मानसूनी हवाएं फिलहाल प्रदेश से बाहर हैं। जिसकी वजह से अच्छी बारिश का रुख नहीं बन पा रहा है। देश के पश्चिमी हिस्से में बने दबाव के क्षेत्र का असर रविवार की रात या सोमवार सुबह से देखने को मिल सकता है। यदि पर्याप्त नमी मिली तो 24 घंटे में बारिश शुरू हो जाएगी। और बारिश की फुहार भीषण उमस से लोगों को राहत दिला सकती है। राहत की बात यह रही कि, रविवार सुबह हाथरस और मथुरा में बारिश हुई।

लखनऊJul 10, 2022 / 03:21 pm

Sanjay Kumar Srivastava

यूपी में मौसम का मिजाज बदला हुआ है। यूपी में मानसून ने दस्तक दे दी है। आषाढ़ का महीना खत्म होने को है और सावन महीने की शुरुआत होने वाली है। पर बारिश का दूर-दूर तक कोई पता नहीं है। मॉनसून सीजन के बावजूद राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के तमाम जिले अभी भी झमाझम बारिश के लिए तरसा रहे हैं। उमस भरी गर्मी ने हाल बेहाल कर रखा। मौसम विभाग भविष्यवाणी सिरे से खारिज हो रही हैं। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, मानसूनी हवाएं फिलहाल प्रदेश से बाहर हैं। जिसकी वजह से अच्छी बारिश का रुख नहीं बन पा रहा है। देश के पश्चिमी हिस्से में बने दबाव के क्षेत्र का असर रविवार की रात या सोमवार सुबह से देखने को मिल सकता है। यदि पर्याप्त नमी मिली तो 24 घंटे में बारिश शुरू हो जाएगी। और बारिश की फुहार भीषण उमस से लोगों को राहत दिला सकती है। राहत की बात यह रही कि, रविवार सुबह हाथरस और मथुरा में बारिश हुई।
12 जुलाई से अच्छी बारिश की उम्मीद

मौसम विशेषज्ञ कैलाश पांडेय गोरखपुर ने पूर्वानुमान जताया है कि, 12 जुलाई के बाद से अच्छी बारिश के आसार हैं। मानसून ट्रफ लाइन अभी तक दक्षिणी क्षेत्र में है। यह ट्रफ लाइन 12 जुलाई तक उत्तरी क्षेत्र में आ सकती है। इससे गोरखपुर व आसपास के जिलों में अच्छी वर्षा हो सकती है। आषाढ़ आमतौर पर झमाझम वर्षा के लिए जाना जाता है, पर आषाढ़ में पसीने की वर्षा हो रही है।
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कृषि विभाग की एडवाइजरी जारी

मॉनसून की बेरुखी की वजह किसान भी बेहाल हैं। खरीफ फसलों की रोपाई और बुवाई पर असर पड़ रहा है। किसानों की बढ़ती परेशानी को देखते हुए प्रदेश के कृषि विभाग ने किसानों के लिए एडवाइजरी जारी की है।
पर्याप्त वर्षा और नमी होने पर बुवाई करें।
सूखा सहनशील प्रजातियों की बुवाई करें।
पौध संख्या कम रखी जाए।
मल्च के लिए जैव उत्पाद का प्रयोग करें।
जीवनरक्षक दवाओं के छिड़काव के लिए क्यारी विधि अपनाएं।
खेतों में मेड़बंदी करें।
पानी का संरक्षण करें।
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