इन जिलों में ऑरेंज अलर्ट
जिन जिलों नें मौसम विभाग (Mausam Vibhag) ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है उनमें लखनऊ, देवरिया, गोरखपुर, कुशीनगर, महाराजगंज, मिर्जापुर, संत रविदास नगर, प्रयागराज, प्रतापगढ़, फतेहपुर, अमेठी, रायबरेली, बाराबंकी बस्ती, गोंडा, बहराइच, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, उन्नाव कानपुर नगर, कानपुर देहात, हरदोई, कन्नौज, शाहजहांपुर, पीलीभीत, रामपुर, बरेली, फर्रुखाबाद और बदायूं शामिल हैं। लगभग इन सभी जिलों में रविवार से ही बारिश का सिलसिला जारी है। समय से लगभग एक हफ्ते पहले तेरह जून को मॉनसून की सूबे में आमद हुई है। बंगाल की खाड़ी से चली मॉनसूनी हवाओं ने पूर्वांचल से लेकर रूहेलखंड तक के जिलों में रिमझिम बारिश का सिलसिला शुरू कर दिया है। बंगाल, ओडिशा, झारखंड और बिहार की सीमा को पार करने के बाद पूर्वांचल के रास्ते प्रदेश में इसका आगमन हुआ है।
पांच दिनों तक ऐसा ही रहेगा मौसम
लखनऊ स्थित मौसम विभाग के निदेशक जे.पी गुप्ता के मुताबिक मॉनसून (Monsoon 2021 Update) की चाल सामान्य है। अगले पांच दिनों तक मौसम का ऐसा ही मिजाज बना रहेगा। गर्मी से राहत रहेगी और लोग बरसात का आनंद उठा पाएंगे। आपको बता दें कि इस साल बुंदेलखंड के कुछ जिलों को छोड़कर बाकी किसी भी जिले में तापमान ज्यादा नहीं चढ़ा है, लेकिन जल्द ही यहां के अन्य जिलों को भी गर्मी से राहत मिलेगी। मॉनसून की वजह से तापमान में गिरावट आएगी। हालांकि कई जिलों में कुछ समय के लिए उमस की समस्या से दो-चार होना पड़ेगा। आपको बता दें कि इस साल गर्मियों में अभी तक प्रदेश के किसी भी शहर का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस दर्ज नहीं किया गया है। झांसी और बांदा में दिन का अधिकतम तापमान 42 से 43 डिग्री सेल्सियस के आसपास पहुंचा था। मॉनसून के दस्तक देने से अब दिन और रात दोनों के तापमान में कमी दर्ज की जाएगी।
पशोपेश में किसान
वहीं मॉनसून के पांच दिन पहले आने से धान की खेती करने वाले कुछ किसान तो खुश हैं। जबकि ज्यादातर किसान पशोपेश में हैं। कई जिलों में धान की नर्सरी अभी तैयार नहीं है। ऐसे में बुवाई के लिए कुछ और दिन का इंतजार करना पड़ेगा। किसानों को इस बात की चिंता है कि मॉनसूनी बारिश के पहले ही हो जाने से कहीं ऐसा ना हो की बुवाई के समय बरसात ना हो।
नदियों का जलस्तर बढ़ने से तटवर्ती गांवों में कटान का खतरा
बीते दो दिनों से लगातार हो रही बारिश के चलते नदियों का जलस्तर ऊपर गया है और तटवर्ती गांवों में कटान का खतरा बढ़ गया है। बाराबंकी, गोंडा, अंबेडकरनगर और बलरामपुर समेत कई जिलों में बीते 48 घंटों से हो रही मूसलाधार बारिश से नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, तो वही पहाड़ी नाले उफान पर हैं। सरयू, राप्ती जैसी नदियों का जलस्तर बढ़ने से जहां जिले के दर्जनों गांवो में नदी के कटान का खतरा बढ़ गया है। वहीं कटान और बाढ़ के कहर से लोगो को बचाने से लिए जिला प्रशासन अलर्ट पर है। बाढ़ और कटान से निपटने के जिला प्रशासन ने पूरी तैयारियों कर ली है। बाढ़ (Flood) और कटान की विभीषिका से काफी धन, जनहानि हो जाती है। ऐसे में अगर पहले से सावधान रहे तो नुकसान को कम किया जा सकता है।