हत्या का कारण और घटनाक्रम
डीसीपी दक्षिणी तेज स्वरूप सिंह ने बताया कि संजीवन लाल क्रूर प्रवृत्ति का व्यक्ति था, जो अक्सर बच्चों और पत्नी को पीटता था। 10 मार्च को उसने अपनी पत्नी सुनीता की पिटाई की, जिसके बाद वह बच्चों को छोड़कर अपने मायके चली गई। संजीवन लाल ने 20 अप्रैल को अपनी बेटी रंजना को किसी लड़के से मोबाइल फोन पर बात करते देख पिटाई की थी। 6 मई को जब रंजना फिर से किसी से फोन पर बात कर रही थी, तो संजीवन लाल ने अपना आपा खो दिया। उसने रंजना के सिर पर डंडे से वार किया और फिर गला दबाकर उसकी हत्या कर दी।शव को छिपाने का प्रयास
हत्या के बाद संजीवन लाल ने अपने बेटों अमर (11) और समर (13) को चाकू के बल पर धमकाया और कमरे में छिपा दिया। रात करीब 9 बजे, उसने शव को मकान के पिछले हिस्से में जानवरों के तबेले के पास बनी झोपड़ी में दफन कर दिया।पुलिस की जांच और खुलासा
रंजना के लापता होने की रिपोर्ट 6 मई को दर्ज की गई थी। 14 दिन बाद, उसकी मां सुनीता ने पुलिस को सूचना दी। संजीवन लाल ने पहले बेटी के फांसी लगाकर आत्महत्या करने की बात कहकर गुमराह करने की कोशिश की, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद सच सामने आ गया। पुलिस ने संजीवन लाल को हिरासत में लेकर पूछताछ की, जिसमें उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया।परिवार की यातनाओं का खुलासा
रंजना के मामा महादेव ने बताया कि संजीवन लाल ने अपनी जमीन बेचने के बाद अधिकतर घर पर रहकर शराब पीना और मौज मस्ती करना शुरू कर दिया था। जब सुनीता इसका विरोध करती, तो वह उसकी पिटाई करता। शराब पीने के बाद वह बच्चों और पत्नी को पेड़ से बांधकर बेल्ट से पीटता था।अमानवीय व्यवहार
महादेव ने बताया कि संजीवन लाल रंजना के साथ अमानवीय व्यवहार करता था। उसने रंजना को जानवरों के तबेले के पास बनी झोपड़ी में ले जाकर दफन किया और खुद वहीं लेटता था। रंजना ने पड़ोस की महिलाओं से इस अमानवीय व्यवहार की शिकायत की थी। महादेव ने बताया कि संजीवन लाल ने फोन को रिकॉर्डिंग पर भी लगा रखा था ताकि रंजना अपनी मां से शिकायत न कर सके।
पुलिस की कार्रवाई
डीसीपी दक्षिणी का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद संजीवन लाल से पूछताछ की जा रही है और गुमशुदी की रिपोर्ट को तरमीम कर हत्या की धारा में केस दर्ज किया जाएगा। पुलिस ने जेसीपी की अनुमति के बाद कब्र की खुदाई कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा था।