लखनऊ

Modi Yogi Big Mistakes: भाजपा की वो नौ बड़ी गलतियां, जिनकी वजह से यूपी में नाराज हो गए मतदाता, हार में बदली जीत

Modi Yogi Big Mistakes: यूपी लोकसभा चुनाव 2024 में छोटी-छोटी गलतियों से बीजेपी को बड़ी हार का सामना करना पड़ा है। इसके बाद भाजपा का 80 में से 80 सीटें जीतने का दावा तो फेल ही हुआ। बीजेपी अपनी भी सीटें नहीं बचा पाई। आइए जानते हैं इतनी बड़ी हार के बड़े कारण क्या हैं?

लखनऊJun 05, 2024 / 02:55 pm

Vishnu Bajpai

Modi Yogi Big Mistakes: भाजपा की वो नौ बड़ी गलतियां, जिनकी वजह से यूपी में नाराज हो गए मतदाता, हार में बदली जीत

Modi Yogi Big Mistakes: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए तारीखों की घोषणा से पहले ही भाजपा ने ‘अबकी बार 400 पार’ का नारा दिया। इसके हिसाब से पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी चुनावी तैयारियों में जुटे रहे। हालांकि चुनाव परिणामों ने इनकी हवा निकाल दी। यानी जनता ने भाजपा के नारे को सिरे से नकार दिया। अब लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर ऐसे क्या कारण थे। जिनकी वजह से भाजपा को मतदाताओं ने इतनी बुरी तरह से निराश कर दिया। खबर में नीचे यूपी में भाजपा की इतनी बड़ी हार के एक-एक करके हम नौ बड़े कारण बता रहे हैं।

UP Lok Sabha Elections 2024 Results: प्रत्याशियों के चयन में गड़बड़ी पड़ी भारी

लोकसभा चुनाव 2024 की शुरुआत से ही यूपी में कई जगह भाजपा के चयनित प्रत्याशियों का विरोध शुरू हो गया था। भाजपा ने स्‍थानीय लोगों के गुस्‍से को दरक‍िनार करते हुए ऐसे लोगों को टिकट दिया। जो मतदाताओं को पसंद नहीं आए। इसल‍िए मतदान के दौरान जो भाजपा के वोटर्स थे। वो घर से ही नहीं निकले। इसके चलते मतदान प्रतिशत गड़बड़ा गया। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में जहां भाजपा को तकरीबन 50 प्रतिशत मत मिले थे। वहीं इस बार ये आंकड़ा 42 प्रतिशत पर सिमट गया। यानी मतप्रत‍िशत में लगभग 8 फीसदी की ग‍िरावट दर्ज की गई। ये यूपी में भाजपा की हार का एक बड़ा कारण समझा जा सकता है।
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UP Lok Sabha Elections 2024 Results: सपा ने प्रत्याशी चुनने में सामाजिक समीकरण का रखा ध्यान

यूपी में समाजवादी पार्टी (सपा) ने भाजपा की रणनीति के उलट प्रत्याशी चुनने में सामाजिक समीकरण का पूरा ध्यान रखा। हालांकि सपा पर हमेशा से आरोप लगते रहे हैं क‍ि समाजवादी पार्टी सिर्फ एक समुदाय या जात‍ि के लोगों को ही टिकट देने में वरीयता दिखाती है, लेकिन इस बार अख‍िलेश यादव ने काफी सतर्क रहते हुए जात‍िगत समीकरणों को देखते हुए चुनावी मैदान में अपने प्रत्‍याशी उतारे। इसके साथ ही सपा प्रत्याशी जमीन पर उतरकर भाजपा को टक्‍कर देने में जुटे रहे। मेरठ, घोसी, मिर्जापुर जैसी सीटें इसका उदाहरण हैं। जहां अख‍िलेश ने सूझबूझ से भाजपा प्रत्याशियों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी।

UP Lok Sabha Elections 2024 Results: दलित और ओबीसी वोटर्स की नाराजगी पड़ी भारी

लोकसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जैसे ही ‘अबकी बार 400 पार’ का नारा दिया। भाजपा के कुछ नेता दावा करने लगे क‍ि 400 पार इसल‍िए चाह‍िए, क्‍योंक‍ि संविधान बदलना है। चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस और सपा ने इसे आरक्षण से जोड़ते हुए भुना लिया।
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सपा और कांग्रेस ने भी प्रचार में जनता के सामने यह दावा किया क‍ि भाजपा इतनी सीटें इसल‍िए चाहती है। ताकि वह संविधान बदल सके और आरक्षण खत्‍म कर सके। इससे दल‍ितों और ओबीसी के बीच यह बातें काफी तेजी से फैलने लगीं। इससे दलित वोटर नाराज हुआ, क्योंकि वो बाबा साहब आंबेडकर को अपना भगवान मानते हैं। ऐसे में संविधान बदलने वाली चर्चा भाजपा के लिए काल बन गई।

UP Lok Sabha Elections 2024 Results: शंकराचार्यों की नाराजगी से भाजपा के कोर वोटर्स में नाराजगी

भाजपा के नेताओं ने संविधान बदलने की चर्चा तो आम कर दी, लेकिन शीर्ष नेतृत्व ने सपा-कांग्रेस के आरोपों का कोई जवाब नहीं दिया। आखिरी चरण तक इसपर चुप्पी भाजपा के लिए नुकसानदायक साबित हो गई। दूसरी ओर श्री राम मंदिर निर्माण के बाद शंकराचार्यों की नाराजगी को भी भाजपा का खेल बिगाड़ने का कारण माना जा सकता है, क्योंकि इससे जनता में संदेश गया कि धर्म की बात करने वाली मोदी सरकार शंकराचार्यों की अनदेखी कर रही है। इसके चलते यूपी में बड़े वर्ग के मतदाताओं में नाराजगी फैल गई। इसका असर मतदान प्रतिशत पर दिखा।

UP Lok Sabha Elections 2024 Results: युवाओं की नाराजगी दूर नहीं कर पाई भाजपा

लोकसभा चुनाव की शुरुआत से ही भाजपा कार्यकर्ता पीएम मोदी के चेहरे पर चुनाव की बातें कहीं। जबकि प्रचार और जनसभाओं ने राहुल गांधी, प्रियंका गांधी समेत अखिलेश यादव हमेशा मोदी-योगी सरकार पर ये आरोप लगाते रहे कि भाजपा सरकार युवाओं को नौकरी नहीं दे पा रही है। पेपर लीक हो जाता है। इसके ल‍िए कोई पुख्‍ता इंतजाम नहीं किए जाते।
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ऐसे में बहुत सारे युवा सालों से प्रत‍ियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन अब उनकी उम्र निकल रही है। वे परीक्षा नहीं दे पा रहे हैं। यह युवाओं के लिए बड़ा मुद्दा था। इसपर भाजपा ने कोई सफाई नहीं दी। इसके साथ ही युवाओं को रिझाने के लिए कोई वादा भी नहीं किया। इसी वजह से जमीन पर भारी संख्‍या में युवा भाजपा से नाराज हो गए। इसका परिणाम भी जनमत के रूप में दिखा।

UP Lok Sabha Elections 2024 Results: मायावती के खेल को समझ नहीं सकी भाजपा

लोकसभा चुनाव 2024 में बसपा सुप्रीमो मायावती इंडिया ब्लॉक से अलग जरूर थीं, लेकिन उन्होंने ऐसे कैंडिटेट उतारे। जो सपा-कांग्रेस गठबंधन के ल‍िए फायदा बन गए और भाजपा को नुकसान उठाना पड़ा। दरअसल, मायावती के प्रत्याशी उतारने से बसपा का कोर वोटर माने जाने वाले दल‍ित मतदाता दो धड़ों में बंट गए। एक धड़े ने पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक के नाम पर सपा को सपोर्ट कर दिया। जबकि दूसरे धड़े ने मायावती के प्रत्याशी को वोट कर दिया। इसके चलते मेरठ, मुजफ्फर नगर, चंदौली, खीरी और घोसी लोकसभा सीटों पर इसी वजह से मुकाबला रोचक हो गया। इसमें से सिर्फ मेरठ लोकसभा सीट भाजपा ने जीती है, वो भी अंतर बहुत कम है।

UP Lok Sabha Elections 2024 Results: पसमांदा समाज से लगाव भी नाराजगी का बना कारण

मोदी सरकार सबका साथ सबका विकास की बात तो कहती रही, लेकिन सबका विश्वास नहीं जीत पाई। दरअसल, पसमांदा समाज से ज्यादा प्रेम दिखाना पीएम मोदी के लिए मीठा जहर साबित हुआ है। इस वजह से धर्म के नाम पर भाजपा से जुड़े रहने वाला मूल वोटर्स नाराज हो गया। इसका असर मतदान पर पड़ा। यानी मतदान वाले दिन भाजपा का मूल वोटर्स घरों से ही नहीं निकला। इसके चलते भाजपा का वोट प्रतिशत नीचे गिर गया।
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UP Lok Sabha Elections 2024 Results: जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं की शिथिलता

लोकसभा चुनाव 2024 में पिछले दो चुनाव जैसा जोश कार्यकर्ताओं में नहीं दिखा। यहां तक कि कार्यकर्ताओं में पुरानापन भी नहीं दिखा। उन्हें पीएम मोदी के चेहरे पर आश्वस्त होते देखा गया। यानी भाजपा कार्यकर्ता पहले ही मान चुके थे कि मोदी के नाम पर आसानी से लोकसभा चुनाव जीत लेंगे। इसके चलते कार्यकर्ता धूप में जलने से बचते रहे। जबकि सपा-कांग्रेस ने जमीन पर उतरकर लोगों से संवाद स्‍थापित किया। इसका असर भी चुनाव परिणाम पर देखा गया।

UP Lok Sabha Elections 2024 Results: अगड़ी जातियों की नाराजगी दूर नहीं कर सकी भाजपा

चुनावी माहौल में जाति पर अभद्र टिप्पड़ियां बीजेपी के खेमें के लिए नासूर बन गईं। केंद्रीय मंत्री रूपाला का बयान आखिरी तक असर करता रहा। इससे बड़ी जातियों का वोटर भी नाराज भी हो गया। दरअसल, गुजरात में केंद्रीय मत्‍स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परषोत्तम रूपाला ने वाल्मीकि समाज के एक कार्यक्रम में बयान दिया। इस बयान ने भाजपा की मुश्किलें बढ़ा दीं।
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रूपाला ने कहा था “अंग्रेजों ने हम पर राज किया। राजा भी उनके आगे झुक गए। उन्होंने (राजा) ने अंग्रेजों के साथ रोटियां तोड़ीं और अपनी बेटियों की उनके साथ शादियां की। दलितों पर सबसे ज्यादा अत्याचार हुआ, लेकिन दलित नहीं झुके।” गुजरात की राजकोट लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी परषोत्तम रूपाला के इस बयान से ठाकुरों में नाराजगी फैल गई। इसका असर भी चुनाव परिणाम के रूप में नजर आया।

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