यूपी की योगी सरकार ने प्रदेश में बाहुबली, माफिया और गैंगस्टर समेत अपराधियों के खिलाफ ऑपरेशन नेस्तनाबूद चला रखा है। इसके तहत ऐसे लोगों पर कार्रवाई के साथ उनके खिलाफ दर्ज मुकदमों की सुनवाई तेजी से की जा रही है। मुख्तार अंसारी के खिलाफ भी उत्तर प्रदेश में हत्या के प्रयास, षड़्यंत्र रचने, धोखाधड़ी और गैंगस्टर एक्ट व गलत तरीके से संपत्ति बनाने के मामले दर्ज हैं।
मुख्तार अंसारी पर सबसे अधिक मामले पूर्वांचल के जिलों गाजीपुर, वाराणसी, मऊ, आजमगढ़ जिलों में हैं। इनमें से चार मामलों में आरोप पत्र दाखिल किये जाने हैं। 21 जनवरी 2019 से पंजाब के रोपड़ जेल में बंद मुख्तार अंसारी तब से वहीं हैं। इधर यूपी में मुकदमों की तेजी से पैरवी के चलते कई कई बार मुख्तार को कोर्ट में पेश करने की जरूरत भी पड़ी, पर पंजाब सरकार ने सेहत का हवाला देकर मुख्तार को यूपी नहीं आने दिया।
मुख्तार अंसारी 27 महीने से से मुख्तार अंसारी रोपड़ जेल में बंद हैं और आदालत में पेश नहीं हुए। कहा जाता है कि सेहत का हवाला देकर 54 बार तारीखें टाली हैं। वहां का जेल प्रशासन लगातार मुख्तार के गंभीर बीमारियों से पीड़ित होने का दावा करता रहा है। इस बीच यूपी में मुकदमों में मुख्तार अंसरी को पेश करने के लिये यूपी पुलिस दो साल में मुख्तार को लिये बगैर आठ बार पंजाब से खाली हाथ लौट चुकी है।
विकास दुबे के इनकाउंटर के बाद मुख्तार को भी अपने इनकाउंटर का भय सताने लगा। उन्होंने इसकी आशंका जताते हुए पंजाब सरकार से उन्हें यूपी को न सौंपने की गुहार तक लगा डाली। पर यूपी सरकार पंजाब सरकार के इस रवैये के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई। उसकी याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस अशोक भूषण और आरएस रेड्डी की बेंच ने मुख्तार अंसारी को पंजाब से यूपी की जेल में शिफ्ट करने का आदेश दिया है। हालांकि याचिका का पंजाब सरकार की ओर से विरोध किया गया था और मुख्तार अंसारी भी अपनी जान का खतरा जताते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे पर उच्चतम न्यायाल में उनके दावे ठहर नहीं सके। माना जा रहा है कि दो सप्ताह के भीतर मुख्तार अंसारी एक बार फिर यूपी के बांदा जेल में शिफ्ट किये जाएंगे। पंजाब जाने के पहले भी मुख्तार बांदाज जेल में ही थे।