लखनऊ

Mission Shakti: शारदीय नवरात्र में बेटियों ने संभाली प्रशासनिक जिम्मेदारी, बनीं एक दिन की DM-SP

Mission Shakti: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मिशन शक्ति कार्यक्रम के तहत शारदीय नवरात्र में उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बेटियों को एक दिन के लिए डीएम, एसपी, एडीएम और एसडीएम बनाया गया। इस पहल का उद्देश्य बेटियों में आत्मविश्वास बढ़ाना और उन्हें प्रशासनिक जिम्मेदारी का अनुभव देना है। लखीमपुर खीरी से लेकर गोंडा तक बेटियों ने प्रशासनिक पदों की कुर्सी संभालकर समस्याओं का निस्तारण किया, जिससे उनके आत्मविश्वास में वृद्धि हुई।

लखनऊOct 15, 2024 / 03:45 pm

Ritesh Singh

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Mission Shakti: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार उत्तर प्रदेश में मिशन शक्ति कार्यक्रम के तहत शारदीय नवरात्र के दौरान बेटियों को प्रोत्साहित करने और प्रशासनिक जिम्मेदारियों से परिचित कराने के लिए एक विशेष पहल की गई। इस पहल के अंतर्गत, प्रदेश के कई जिलों में मेधावी छात्राओं को एक दिन के लिए जिलाधिकारी (डीएम), पुलिस अधीक्षक (एसपी), अतिरिक्त जिलाधिकारी (एडीएम) और उप जिलाधिकारी (एसडीएम) बनाया गया। इस दौरान इन बेटियों ने न सिर्फ समस्याओं को सुना, बल्कि उनका त्वरित निस्तारण भी किया।
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इस अनोखी पहल का उद्देश्य बेटियों में आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास की भावना को बढ़ावा देना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हमेशा से बेटियों के सशक्तिकरण पर जोर दिया है, और यह कार्यक्रम उनकी इसी मंशा का प्रतीक है।

अग्रिमा बनीं लखीमपुर की डीएम, सजल ने संभाला जौनपुर का चार्ज

लखीमपुर खीरी में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिवार की आठवीं कक्षा की छात्रा अग्रिमा धवन को डीएम की जिम्मेदारी दी गई। उन्होंने जनसुनवाई के दौरान सब्जियों के दामों पर नियंत्रण के निर्देश दिए। लखीमपुर की अन्य तहसीलों में भी बेटियों ने एसडीएम की भूमिका निभाई, जिसमें भाव्या सिंह, स्मृति सिंह, निधि गुप्ता, अनन्या रस्तोगी जैसी मेधावी छात्राओं ने प्रशासनिक कार्यों को संभाला।
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जौनपुर में इंटरमीडिएट की टॉपर सजल गुप्ता ने जिलाधिकारी की कुर्सी संभाली और 87 मामलों की सुनवाई की। इनमें से 14 मामलों का त्वरित निस्तारण भी किया। सजल ने कहा कि यह अनुभव उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने में मदद करेगा और उन्हें प्रशासनिक सेवाओं में जाने की प्रेरणा मिलेगी।

महराजगंज की डीएम और एसपी बनीं बेटियों ने सुनीं समस्याएं

महराजगंज में हाईस्कूल की टॉपर निधि यादव को एक दिन का डीएम बनाया गया। निधि ने जिलाधिकारी न्यायालय का दौरा किया और मुआवजे से संबंधित मामलों का निस्तारण किया। साथ ही उन्होंने जिले के विभिन्न ब्लॉकों का निरीक्षण भी किया।
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महराजगंज की सांकेतिक एसपी गोल्डी ने 5 शिकायतों में से 2 का तुरंत निस्तारण किया। उन्होंने महिला संबंधी मामलों में अधिकारियों को निर्देशित किया कि ऐसे मामलों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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श्रावस्ती और सीतापुर में भी बेटियों ने निभाई प्रशासनिक भूमिका

श्रावस्ती में 12वीं कक्षा की रश्मि कसौधन ने एक दिन का डीएम बनने के बाद डाक फाइलों पर हस्ताक्षर किए और फरियादियों की समस्याएं सुनीं। साथ ही 11वीं की छात्रा सरिता कुमारी को एक दिन के लिए एसपी बनाया गया, जिन्होंने भवानीनगर थाना को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए।
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सीतापुर में बेटी अर्पिता सिंह को एक दिन का डीएम, प्रतीक्षा सिंह को एसपी और संध्या मिश्रा को सीडीओ बनाया गया। इन बेटियों ने समस्याओं का निस्तारण कर लोगों को राहत पहुंचाई।

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खास पहल: 1100 बेटियों का कन्या पूजन और 1000 पिंक ई-रिक्शा का वितरण
लखीमपुर खीरी में शारदीय नवरात्र के अवसर पर 1100 बेटियों का कन्या पूजन किया गया, उन्हें उपहार दिए गए और उनकी शिक्षा तथा स्वास्थ्य के लिए जागरूक किया गया। वहीं, गोंडा में “शक्ति सारथी” कार्यक्रम के तहत 1000 पिंक ई-रिक्शा महिलाओं को सौंपे गए, जिनका उपयोग महिला सशक्तिकरण के लिए किया जाएगा।
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गोंडा में डीएम नेहा शर्मा ने बताया कि यह कार्यक्रम महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए है। इसके अलावा 108 कन्याओं का पूजन किया गया और विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली 9 महिलाओं को सम्मानित किया गया।
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बेटियों के आत्मविश्वास को बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम

मिशन शक्ति के तहत बेटियों को डीएम, एसपी जैसी प्रशासनिक भूमिकाओं में बैठाने का यह कदम उनकी आत्मनिर्भरता और सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा प्रयास है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस पहल से बेटियों में आत्मविश्वास बढ़ा है और भविष्य में वे प्रशासनिक सेवाओं में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने की प्रेरणा पा रही हैं।

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