लखनऊ मेट्रो लखनऊ मेट्रो का निर्माण कार्य 27 सितंबर, 2014 को यूपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के कार्यकाल में हुआ था। 6 सितंबर, 2017 को लखनऊ वासियों को मेट्रो की सौगात मिली थी। इसमें लखनऊ मेट्रो के पहले चरण के ए भाग के लिए 6,880 करोड़ रुपये का खर्च आया था। फिलहाल लखनऊ मेट्रो 22.87 किमी तक अपनी सेवाएं देती है। हालांकि, शुरुआती तौर पर लखनऊ मेट्रो सक्सेस नहीं थी। यह मेट्रो जब अमौसी से चारबाग के लिए शुरू हुई थी तब लखनऊ मेट्रो की आय भी कुछ खास नहीं थी। लोग भी सफर करने से बचते थे। लेकिन कुछ ही सालों में मेट्रो में यात्रियों का ग्राफ बढ़ है। करीब दो साल में तीन करोड़ से भी अधिक लोगों ने मेट्रो की सवारी की है।
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लखनऊ मेट्रो में मिलने वाली सुविधाएं व काम की अवधि को कानपुर मेट्रो के मुकाबले देखा जाए तो कानपुर मेट्रो देश की सबसे तेज हुई ट्रायल की मेट्रो बन कर सामने आई है। कानपुर मेट्रो का काम दो साल से भी कम वक्त (23 महीने) में पूरा किया गया है। जबकि अब तक लखनऊ मेट्रो के पास 32 महीने में छह किलोमीटर दूरी पर ट्रायल रन बनाने का रिकॉर्ड था। लखनऊ मेट्रो की पावर बचत भी कानपुर मेट्रो से पांच प्रतिशत कम है। लखनऊ मेट्रो 40 प्रतिशत तक ऊर्जा बचत करती है, जबकि कानपुर मेट्रो का पावर जनरेशन सबसे अधिक 45 प्रतिशत है। आगरा मेट्रो आगरा मेट्रो का कार्य शुरू हुए एक साल पूरा हो चुका है। 365 दिनों में ताज, बसई और फतेहाबाद रोड मेट्रो स्टेशन का ढांचा खड़ा हो चुका है। 7 दिसंबर, 2020 को पीएम मोदी ने आगरा मेट्रो का शिलान्यास किया था। 12 महीने में तीन स्टेशन का 50 फीसदी सिविल कार्य पूरा हो चुका है। फतेहाबाद रोड पर 3.2 किमी. का एलिवेटेड सेक्शन निर्माणाधीन है। इसमें तीन स्टेशन होंगे। 7 दिसंबर, 2022 तक तीनों स्टेशन का काम पूरा हो जाएगा। ताजनगरी की मेट्रो का रंग रूप फाइनल हो चुका है। कानपुर में चलने वाली मेट्रो के कोच ही आगरा में चलेंगे। सिर्फ इनका रंग अलग हो सकता है। अप्रैल 2024 तक छह स्टेशन (तीन एलिवेटेड व तीन भूमिगत) के बीच मेट्रो सेवा शुरू हो जाएगी। आगरा मेट्रो परियोजना की लागत 8262 करोड़ रुपये है। इसमें पहला कॉरिडोर सिकंदरा से ताज ईस्ट गेट तक बनेगा। दूसरा कॉरिडोर आगरा कैंट से कालिंदी विहार तक बनेगा। पहले और दूसरे कॉरिडोर में 15 स्टेशन होंगे।
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गोरखपुर मेट्रो गोरखपुर शहर में लाइट मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के फेज-1 को मंजूरी मिलने के बाद तैयारी तेज हो गई है। गोरखपुर में तीन बोगियों वाली लाइट मेट्रो ट्रेन चलाने की तैयारी है। एक दिसंबर को पब्लिक इनवेस्टमेंट बोर्ड की बैठक में गोरखपुर मेट्रोलाइट रेल प्रोजेक्ट के फेज-1 के लिए अप्रूवल मिल गया है। जो डिटेल रिपोर्ट बनाई गई है उसमें4600 करोड़ की लागत से लाइट मेट्रो ट्रेन चलाए जाने पर जोर दिया जाएगा। इसमें दो रूट का प्रस्ताव है। पहले 15.14 किमी लंबा होगा, जो श्यामनगर से मदन मोहन मालवीय तक जाएगा। दूसरा गुलरिहा से शुरू होकर बीआरडी मेडिकल कॉलेज, धर्मशाला, गोलघर, असुरन चौक, कचहरी चौराहा होते हुए नौसढ़ तक जाएगा। यह 12.70 किमी लंबा होगा। दोनों पर 14 और 12 स्टेशन प्रस्तावित हैं। इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 4672 करोड़ रुपये है और वर्ष 2024 तक इसका काम पूरा होने की उम्मीद जताई गई है। इसके अलावा वाराणसी में भी मेट्रो रेल चलाने का आधारभूत काम जोरों पर है। वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है। वाराणसी नें लोकसभा चुनाव 2024 के पहले मेट्रो रेल दौड़ाने की तैयारी है।