महंगाई के अनुसार देखें रिटर्न -निवेश पर रिटर्न को महंगाई के हिसाब से देखना चाहिए। आज महंगाई की दर 6% है। इसलिए उन योजनाओं में निवेश करें जहां से सालाना 10% रिटर्न मिल सके।
-6 फ़ीसदी का रिटर्न तो आपको महंगाई से पीछा छुड़ाने के लिए चाहिए और फिर कम से कम 4 फ़ीसदी रकम आपके पास बचनी चाहिए -कभी भी ब्याज की दर महंगाई से 4% ज्यादा होनी चाहिए। इसलिए, किसी एक योजना के बदले कई साधनों में निवेश करना बेहतर रहता है।
फिक्सड डिपॉजिट यह पुराने जमाने से निवेश का पसंदीदा साधन है ऐसा इसलिए क्योंकि यहां पर पैसा की सुरक्षा सबसे ज्यादा होती है। हालांकि, इसमें ब्याज दर सबसे कम है। इससे लोगों में एफडी का आकर्षण कम हो रहा है। इसके बावजूद बैंकों का डिपाजिट इस समय 160 लाख करोड़ रुपए के करीब है। हालांकि, लोगों में एफडी के प्रति आकर्षण बढ़ाने के लिए सरकार 5 साल के फिक्स्ड डिपॉजिट पर टैक्स में छूट दे रही है।
म्यूच्यूअल फंड म्यूच्यूअल फंड एसआईपी पिछले कुछ वर्षों में चर्चा में है। इसमें निवेशकों को 12 से 14 फ़ीसदी तक रिटर्न मिल जाता है। कुछ ने तो 50 फ़ीसदी तक रिटर्न दिया है। म्यूचुअल फंड का एक फायदा यह भी है कि यहां आपको चक्रवृद्धि ब्याज मिलता है। यानी आपने 10 रुपये का निवेश किया है तो यह 1 साल में 11 हो गया तो फिर दूसरे साल 11 पर रिटर्न मिलता है। आंकड़ों के मुताबिक लोगों ने एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंड में 7 माह में 10000 करोड से ज्यादा का निवेश किया है।
शेयर बाजार अगर आपको शेयर बाजार की जानकारी है और आप थोड़ा जोखिम लेना चाहते हैं तो बेहतर मुनाफा कमाया जा सकता है। हालांकि, कई बार आकलन गलत हो सकता है और इससे आपको घाटा भी हो सकता है। ऐसी स्थिति में आपके पास विकल्प है कि इक्विटी म्यूचुअल फंड खरीदें जहां पर आपको ठीक-ठाक रिटर्न मिलेगा या कंपनी आपके पैसों को शीघ्र शेयर में ही निवेश करती है और मामूली कमीशन लेती है। स्पोर्ट्स का कहना है कि हमेशा उन साधनों में निवेश करना चाहिए जहां आपका पैसा सुरक्षित रहें और महंगाई से ज्यादा रिटर्न मिले ऐसे में आप शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड का रास्ता अपना सकते हैं ध्यान रखें कि बिना किसी सलाहकार के खुद से निवेश का फैसला ना करें पिछले कुछ वर्षों में शेयर बाजार लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न दे रहा है।