लखनऊ

गांवों और वार्डों को करिए कोरोना मुक्त, योगी सरकार देगी पुरस्कार, ‘मेरा वार्ड, कोरोना मुक्त वार्ड’ अभियान शुरू

– सीएम योगी की कोरोना संक्रमण पर रोक को बड़ी पहल, गांवों और शहरी वार्डों में घर-घर चलेगा कोरोना मुक्त महाअभियान

लखनऊMay 21, 2021 / 09:36 pm

Abhishek Gupta

CM Yogi

लखनऊ. कोरोनावायरस को गांवों में फैलने से रोकने के लिए उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने एक नया महाअभियान शुरू किया है। इसके तहत अब गांवों और वार्डों को कोरोना मुक्त करने पर पुरस्कार दिए जाएंगे। इस अभियान का नाम है मेरा गांव, कोरोना मुक्त गांव’ और ‘मेरा वार्ड, कोरोना मुक्त वार्ड’। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलाधिकारियों को गांवों और शहरी वार्डों में यह अभियान शुरू करने के लिए कहा है। हर जिले में सबसे अच्छा काम करने वाले तीन-तीन गांवों और तीन-तीन वार्डों को पुरस्कार दिया जाएगा। साथ ही सरकार की ओर से ऐसे गांवों और वार्डों को विकास कार्यों के लिए अतिरिक्त धनराशि दी जाएगी।
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सीएम योगी ने शुक्रवार को अपने सरकारी आवास पर टीम-9 के साथ कोरोना की रोकथाम को लेकर हुई समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गांवों में वृहद टेस्टिंग अभियान के अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। निगरानी समितियों और आरआरटी टीमों की मेहनत रंग ला रही है। ऐसे में इसे मिशन के रूप में लेने की जरूरत है। सभी गांवों में जागरूकता बढ़ाएं और प्रयास करें कि ‘कोरोना मुक्त गांव’ के संदेश को हर ग्रामवासी अपना लक्ष्य बनाए।
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कोरोना पर विजय पाने के लिए हर किसी की भूमिका महत्वपूर्ण: सीएम
उन्होंने कहा कि प्रदेश में ‘मेरा गांव, कोरोना मुक्त गांव’ की तर्ज पर पुलिस विभाग ने ‘मेरी लाइन, कोरोना मुक्त लाइन’ का संकल्प लिया है। यह प्रयास प्रेरणास्पद है। सभी के सहयोग से ही प्रदेश में कोरोना की स्थिति पर प्रभावी नियंत्रण संभव हुआ है। कोरोना पर विजय पाने के लिए चिकित्साकर्मियों, पुलिसकर्मियों, स्वच्छताकर्मियों, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों, आशा बहनों सहित प्रदेश के हर नागरिक की भूमिका महत्वपूर्ण है।
कोरोना संक्रमण रोकने में मील का पत्थर साबित होगा महाअभियान-
सीएम योगी की ओर से शुरू किया गया यह महाअभियान कोरोना संक्रमण रोकने में मील का पत्थर साबित होगा। इससे एक तो लोगों में जागरूकता आएगी। साथ ही तेजी से कोरोना संक्रमितों की पहचान कर उपचार कराया जा सकेगा। इससे काफी हद तक कोरोना संक्रमण पर रोक लगेगी। सीएम योगी ने पहले ही शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अलग-अलग निगरानी समितियों और रैपिड रेस्पॉन्स टीमों का गठन किया था और डोर टू डोर स्क्रीनिंग की रणनीति बनाई थी। इसी का नतीजा है कि आज प्रदेश दूसरे राज्यों की अपेक्षा बेहतर स्थिति में है।
निगरानी समितियों की भूमिका को डब्ल्यूएचओ और नीति आयोग ने भी सराहा-
सीएम योगी के यूपी मॉडल के इस माइक्रो मैनजमेंट को लेकर वर्ल्ड हेल्थ आर्गनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ), नीति आयोग और बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी प्रशंसा की है। केंद्र सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने भी यूपी मॉडल को लागू किया है और अनिवार्य रूप से ऑक्सीजन कंटेनर्स, टैंकर्स और अन्य वाहनों में वेहिकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस लगाने के निर्देश दिए हैं। देश में पहली बार उत्तर प्रदेश में शुरू किए गए साफ्टवेयर आधारित ऑक्सीजन ट्रैकिंग सिस्टम को बिहार ने भी लागू किया है। नीति आयोग ने ऑक्सिजन ट्रैकिंग और सप्लाई के रियल टाइम मैनजमेंट को काफ़ी सराहा है। प्रदेश सरकार ने दूसरे राज्यों के लिए भी कोविड प्रबंधन में नजीर पेश की है।

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