सर्जरी के बाद गले पर चीरे और टांके की बात सुनकर परिवार डर गया। परिवार ने डॉक्टर को बताया, “हम नहीं चाहते थे कि हमारी बेटी के गले पर ऑपरेशन के बाद कोई भी निशान हो। हमारी बेटी की उम्र बस 21 साल है उसकी शादी नहीं हुई है। आगे जाकर उसे और हमे कई दिक्कतें हो सकती है।”
परिवार की चिंता सुनकर कमला नेहरू अस्पताल के डॉक्टर्स ने लड़की को SGPGI यानी संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज हॉस्पिटल में रोबोटिक थायराइड सर्जन डॉक्टर ज्ञान चंद के पास रेफर कर दिया।
पूरे भारत में पहली बार रोबोटिक सर्जरी हुई है।
डॉ. ज्ञान ने शुक्रवार को 4 घंटे चले ऑपरेशन में लड़की के गले से कैंसर की गांठ के साथ, थायरॉइड ग्लांड और कई गाठों को बिना गले में चीरा लगाए निकाल दिया। उत्तर प्रदेश औऱ पूरे भारत के किसी भी सरकारी हॉस्पिटल में होने वाली यह पहली सर्जरी है। थायरॉइड कैंसर को रोबोटिक सर्जरी से निकाला गया है।”