आठ सहयोगी संगठनों पर प्रतिबन्ध बसपा मुखिया मायावती ने शुक्रवार को ट्विटर के माध्यम से लिखा कि, केन्द्र द्वारा पीपुल्स फ्रण्ट आफ इण्डिया (पीएफआई) पर देश भर में कई प्रकार से टारगेट करके अन्ततः अब विधानसभा चुनावों से पहले उसे उसके आठ सहयोगी संगठनों के साथ प्रतिबन्ध लगा दिया है, उसे राजनीतिक स्वार्थ व संघ तुष्टीकरण की नीति मानकर यहाँ लोगों में संतोष कम व बेचैनी ज्यादा है।
यह भी पढ़े –
अखिलेश यादव के इस शब्द को सुनकर भड़की मायावती, जानें क्या कहा सरकार की नीयत में खोट बसपा सुप्रीमो मायावती ने आगे लिखा कि, यही कारण है कि विपक्षी पार्टियां सरकार की नीयत में खोट मानकर इस मुद्दे पर भी आक्रोशित व हमलावर हैं और आरएसएस पर भी बैन लगाने की मांग खुलेआम हो रही है कि अगर पीएफआई देश की आन्तरिक सुरक्षा के लिए खतरा है तो उस जैसी अन्य संगठनों पर भी बैन क्यों नहीं लगना चाहिए?
यह भी पढ़े –
औरैया में दलित छात्र की पिटाई के बाद मौत मामले की अनदेखी न कर तुरन्त कार्रवाई करे योगी सरकार : मायावती मायावती ने सपा पर भी साधा निशाना ऐसा नहीं है कि मायावती के निशाने पर सिर्फ भाजपा ही है। गुरुवार को सपा पर हमला किया और मायावती ने कहा कि समाजवादी पार्टी द्वारा अपने चाल, चरित्र, चेहरा को ‘अंबेडकरवादी’ दिखाने का प्रयास वैसा ही ढोंग, नाटक व छलावा है जैसा कि वोटों के स्वार्थ की खातिर अन्य पार्टियां अक्सर ऐसा करती रहती हैं। इनका दलित व पिछड़ा वर्ग प्रेम मुंह में राम बगल में छुरी को ही चरितार्थ करता है।