ये भी पढ़ें- सीएम योगी ने साइन किया MoU, 11.5 लाख श्रमिकों/कामगारों को मिलेगा रोजगार, कहा- अब नए यूपी का करेंगे निर्माण मायावती ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर कहा देश में पिछले 66 दिन से लाॅकडाउन के कारण हर प्रकार की उपेक्षा/तिरस्कार से पीड़ित जैसे-तैसे घर लौटने वाले लाखों प्रवासी श्रमिकों के लिए अन्ततः माननीय कोर्ट को कहना पड़ा कि रेल/बस से उन्हें फ्री घर भेजने की पूरी जिम्मेदारी सरकार की है। बीएसपी की इस माँग की सरकार अनदेखी करती रही है। लेकिन खासकर यूपी व बिहार में घर वापसी कर रहे इन बेसहारा लाखों प्रवासी श्रमिकों की रोजी-रोटी की मूलभूत समस्या का समाधान करना केन्द्र व राज्य सरकारों का अब पहला कर्तव्य बनता है। इन्हें इनके घर के आसपास स्थाई रोजगार उपलब्ध कराना ही सरकार की नीयत, नीति व निष्ठा की असली परीक्षा है।
ये भी पढ़ें- यहां कोरोना छूने वाला है 100 का आंकड़ा, आज आए चार नए पॉजिटिव मामले उन्हें जीने का न्याय चाहिए- उन्होंने अगले ट्वीट में लिखा कि वास्तव में केन्द्र ने देर से ही सही 20 लाख करोड़ रुपय का जो आर्थिक पैकेज घोषित किया है, उसके भी जनहित में उचित उपयोग की परीक्षा अब यहाँ होनी है। आमजनता अपनी इस अभूतपूर्व दुर्दशा व बदहाली के लिए सरकारों की उपेक्षा व तिरस्कार को आगे शायद ही भुला पाए। उन्हें जीने के लिए न्याय चाहिए।