पार्टी में बदलाव के दिए संकेत लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाजवादी पार्टी की सुप्रीमो मायावती पार्टी में बड़े बदलाव करने वाली हैं। यही कारण है कि उन्होंने रविवार को पार्टी के पदाधिकारियों की बैठक बुलाई है। चुनाव के बाद नए सिरे से रणनीति बनाने और बसपा में बड़े बदलाव के लिए पार्टी की इस बैठक को सियासी हलके में गंभीरता से लिया जा रहा है। बैठक में हिस्सा लेने के लिए पार्टी के पदाधिकारी लखनऊ स्थित मायावती के आवास पर पहुंच गए हैं।
जोनल कोआर्डिनेटरों की बैठक बसपा की इस बैठक में राष्ट्रीय और प्रदेश नेतृत्व के सभी पदाधिकारी और जोनल कोऑर्डिनेटर शामिल हो रहे हैं। मायावती देशभर में बहुजन समाज पार्टी के विस्तार करने, नई रणनीति बनाने, उत्तर प्रदेश उपचुनाव की तैयारियों और पार्टी में बदलाव को लेकर चर्चा की। उन्होंने बीएसपी के पदाधिकारियों से समाजवादी पार्टी (सपा) से गठबंधन को लेकर स्थिति साफ कर दी। मायावती ने ऐसा इसलिए किया ताकि पार्टी कार्यकर्ताओं में गठबंधन के टूटने को लेकर कोई दुविधा न रहे। उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी ने मिलकर चुनाव लड़ा था। दोनों पार्टियों को संतोषजनक नतीजे नहीं मिल। बहुजन समाज पार्टी को उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से सिर्फ 10 और समाजवादी पार्टी को महज 5 सीटों पर ही जीत मिली।
उप चनुाव नहीं मिशन-2022 है बसपा का लक्ष्य बसपा उपचुनाव के सहारे 2022 के विधानसभा चुनाव का रास्ता तैयार करने की तैयारी में जुट गई है. लोकसभा चुनाव में मिली सफलता के बाद से यूपी में नंबर दो की हैसियत मिलने से मायावती को लगने लगा है कि पार्टी उपचुनाव में भी बहुत ज्यादा सीटों पर सफलता हासिल कर लेगी और अगले विधानसभा चुनाव में भी बाजी मार सकती है। इसीलिए बसपा ने इम्तिहान के रूप में उप चुनाव की खाली हुई 13 सीटों पर अकेले ही चुनाव लडऩे का फैसला किया है।
मोदी और योगी पर निकाला गुस्सा बसपा की बैठक में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फिर से जुमले बाजी शुरू कर दी है। जनता से जो वादे किए थे वे पूरे होते नहीं दिख रहे हैं। दलितों और पिछड़े व अल्पसंख्यक समाज, खासकर मुसलमान डरा और सहमा हुआ है। प्रधानमंत्री अपने दायित्व निर्वाह्न की जगह आरएसएस के एजेंडे को पूरा कर रहे हैं। जनता त्राहि त्राहि कर रही है। पेट्रोल डीजल के दाम आसमान छूने लगे हैं। खाद मिल नहीं रही है। बिजली के दाम कई गुना बढ़ाने की तैयारी है। यूपी में तो कानून व्यवस्था पूरी तौर से ध्वस्त हो गई है। जनता के साथ वादा खिलाफी की जा रही है। बसपा इसे माफ नहीं करेगी।