बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि समाजवादी पार्टी हमेशा से ही डॉक्टर भीमराव अंबेडकर और बसपा संस्थापक कांशीराम के प्रति विद्वेष पूर्ण भावना रखती थी, इसी वजह से दोनों पार्टियों का गठबंधन टूटा। इस बैठक में बसपा प्रमुख मायावती ने बिना नाम लिए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर निशाना साधा है।
समाजवादी पार्टी को बताया नाटकबाज
अखिलेश के रायबरेली में कांशी राम की मूर्ति का अनावरण पर बसपा प्रमुख ने समाजवादी पार्टी पर हमला बोला है। बसपा सुप्रीमो ने इसे नाटकबाजी और समाजवादी पार्टी की पैंतरेबाजी करार दिया है। साल 1995 में हुए गेस्ट हाउस कांड को याद करते हुए कहा है कि समाजवादी पार्टी हमेशा से ही डॉक्टर भीमराव अंबेडकर और बसपा संस्थापक कांशीराम के प्रति विद्वेष पूर्ण भावना रखती थी।
अखिलेश के रायबरेली में कांशी राम की मूर्ति का अनावरण पर बसपा प्रमुख ने समाजवादी पार्टी पर हमला बोला है। बसपा सुप्रीमो ने इसे नाटकबाजी और समाजवादी पार्टी की पैंतरेबाजी करार दिया है। साल 1995 में हुए गेस्ट हाउस कांड को याद करते हुए कहा है कि समाजवादी पार्टी हमेशा से ही डॉक्टर भीमराव अंबेडकर और बसपा संस्थापक कांशीराम के प्रति विद्वेष पूर्ण भावना रखती थी।
सपा का दलित विरोधी चरित्र किसी से छिपा नहीं
उन्होंने यह भी कहा “सपा का दलितों, अति पिछड़ी जातियों और इनके मसीहा परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर और कांशीराम के प्रति एहसान फरामोशी और इनका राजनीतिक द्वेष का इतिहास लोगों के सामने हैं। इसी कारण साल 1995 में गेस्ट हाउस कांड हुआ और दोनों पार्टियों का गठबंधन टूटा। सपा का दलित विरोधी चरित्र और चेहरा किसी से छिपा नहीं है। इसी के चलते इन्होंने संसद में प्रमोशन आरक्षण का विधेयक फाड़ डाला था।”
उन्होंने यह भी कहा “सपा का दलितों, अति पिछड़ी जातियों और इनके मसीहा परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर और कांशीराम के प्रति एहसान फरामोशी और इनका राजनीतिक द्वेष का इतिहास लोगों के सामने हैं। इसी कारण साल 1995 में गेस्ट हाउस कांड हुआ और दोनों पार्टियों का गठबंधन टूटा। सपा का दलित विरोधी चरित्र और चेहरा किसी से छिपा नहीं है। इसी के चलते इन्होंने संसद में प्रमोशन आरक्षण का विधेयक फाड़ डाला था।”