ये भी पढ़ें- मायावती के पिता का हुआ निधन पढ़ाने-लिखाने में नहीं छोड़ी कोई कोर कसर-
मायावती मूलरूप से गौतमबुद्ध नगर के बादलपुर गांव की निवासी हैं। उनके पिता प्रभु दयाल दिल्ली में सरकारी नौकरी करते थे। वह दूरसंचार विभाग में क्लर्क के पद पर तैनात थे। उनकी शादी रामरती देवी से हुई थी। दिल्ली में रहते हुए ही उनके सभी बच्चों का जन्म हुआ। प्रभु दयाल की पत्नी पढ़ी लिखी नहीं थीं, लेकिन आर्थिक स्थिति ठीक न होने के बावजूद बच्चों को पढ़ाने में उन दोनों ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। इसी दम पर मायावती सरकारी स्कूल में टीचर बनीं। आईएएस बनने का सपना देखा।
मायावती मूलरूप से गौतमबुद्ध नगर के बादलपुर गांव की निवासी हैं। उनके पिता प्रभु दयाल दिल्ली में सरकारी नौकरी करते थे। वह दूरसंचार विभाग में क्लर्क के पद पर तैनात थे। उनकी शादी रामरती देवी से हुई थी। दिल्ली में रहते हुए ही उनके सभी बच्चों का जन्म हुआ। प्रभु दयाल की पत्नी पढ़ी लिखी नहीं थीं, लेकिन आर्थिक स्थिति ठीक न होने के बावजूद बच्चों को पढ़ाने में उन दोनों ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। इसी दम पर मायावती सरकारी स्कूल में टीचर बनीं। आईएएस बनने का सपना देखा।
ये भी पढ़ें- उपचुनाव में करारी हार के बाद मायावती का बड़ा कदम, बदल डाला प्रदेश अध्यक्ष, इन्हें दी जिम्मेदारी पहले थे नाराज, फिर हुआ गर्व- बीएड की पढ़ाई करने के बाद मायावती को दिल्ली के स्कूल में अध्यापक की नौकरी मिली। इससे पिता काफी खुश हुए। धीरे-धीरे मायावती सामाजिक विचारधारा के प्रति काफी सजग रहने लगीं। बाबा साहेब अम्बेडकर की विचारधारा की ओर उनका रुझान और फिर राजनीति में आना पिता को मंजूर नहीं था। उन्हें बेटी के अजीवन आविवाहित रहने के फैसले से भी असहमत थे। हालांकि बेटी के मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्हें गर्व महसूस हुआ।