लखनऊ

गठबंधन से पहले मायावती ने रखी बड़ी शर्त, सपा-कांग्रेस में बढ़ी बेचैनी

उपचुनावों में बीजेपी की हार से उत्साहित सपा-बसपा लोकसभा चुनाव में गठबंधन को आतुर हैं, लेकिन मायावती फूंक-फूंक कर कदम रख रही हैं…

लखनऊJul 18, 2018 / 02:28 pm

Hariom Dwivedi

गठबंधन से पहले मायावती ने रखी बड़ी शर्त, सपा-कांग्रेस में बढ़ी बेचैनी

लखनऊ. यूपी के उपचुनावों में बीजेपी की हार से उत्साहित सपा-बसपा लोकसभा चुनाव में गठबंधन को आतुर हैं, लेकिन मायावती फूंक-फूंक कर कदम रख रही हैं। गठबंधन की अटकलों के बीच मायावती साफ कह चुकी हैं कि सम्मानजक सीटें मिलने पर ही बसपा गठबंधन की दिशा में आगे कदम बढ़ाएगी। इसके अलावा उन्होंने कांग्रेस के सामने भी एक बड़ी शर्त रख दी है, जिससे कांग्रेसी खेमे में बेचैनी बढ़ गई है।
सूत्रों की मानें तो मायावती ने साफ कर दिया है कि अगर कांग्रेस से गठबंधन होगा तो तीनों राज्यों (राज्स्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़) में होगा, अन्यथा एकला चलेंगे। गौरतलब है कि इन राज्यों में साल 2018 के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं। मायावती की डिमांड से कांग्रेसी खेमे में हचलल बढ़ गई है। कांग्रेस पार्टी राजस्थान को छोड़कर शेष दोनों राज्यों में बसपा से गठबंधन करने को तैयार है।
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राजनीतिक जानकारों का मानना है कि उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा के मुकाबले कांग्रेस भले ही कमजोर दिख रही है, लेकिन अन्य तीनों राज्यों में कांग्रेस का खासा प्रभाव है। खासकर राजस्थान में कांग्रेस की स्थिति सबसे मजबूत है। राजस्थान कांग्रेस के चीफ सचिन पायलट राहुल गांधी से सीधे शब्दों में कह चुके हैं कि यहां किसी से गठबंधन की जरूरत नहीं है। राजस्थान में कांग्रेस अकेले ही विधानसभा चुनाव जीतने में सक्षम है।
…ताकि यूपी से बाहर हो बसपा का विस्तार
बसपा रणनीतिकारों का मानना है कि यूपी में अगर सपा-बसपा का गठबंधन हुआ या फिर बसपा-कांग्रेस का। दोनों ही सूरत में फायदा कांग्रेस को ही होने वाला है। गठबंधन होने की स्थिति में बसपा का वोट तो कांग्रेस को ट्रांसफर हो जाएगा, लेकिन कांग्रेस का वोट बसपा को मिलेगा, इसकी कम ही संभावना है। ऐसे में मायावती चाहती हैं कि कांग्रेस अगर यूपी में गठबंधन करना चाहती है तो बदले में उसे कांग्रेस के प्रभाव वाले राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में गठबंधन करना होगा, ताकि यूपी से बाहर बसपा का विस्तार हो सके।
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15 दिनों में गठबंधन पर विस्तृत रिपोर्ट
मध्य प्रदेश के करीब एक दर्जन से ज्यादा जिलों में बसपा की पकड़ मजबूत मानी जाती है। पिछले विधानसभा चुनाव में बसपा ने यहां चार सीटें जीतने के साथ ही करीब 6.29 फीसदी वोट हासिल किये थे। ऐसे में मध्य प्रदेश में बसपा से गठबंधन करने में कांग्रेस को कोई गुरेज नहीं है। बात करें छत्तीसगढ़ की तो राज्य में कांग्रेस पास कोई बड़ा दलित चेहरा नहीं है। ऐसे में मायावती के सहारे कांग्रेस यहां दलितों के वोट हासिल कर सकती है। लेकिन कांग्रेस पार्टी राजस्थान में बसपा संग चुनाव नहीं लड़ना चाहती है। राहुल गांधी ने 15 दिनों के अंदर गठबंधन पर विस्तृत रिपोर्ट तलब किया है।
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