हालांकि, शाइस्ता परवीन की पार्टी में सदस्यता बरकरार हैं। इस पर जब मायावती से सवाल किया गया तो उन्होंने साफ किया कि इस संबंध में जैसे ही वह गिरफ्तार होंगी और जो भी तथ्य सामने आएंगे। उस आधार पर आगे फैसला किया जाएगा।
शाइस्ता का टिकट कटा लेकिन सदस्यता बरकरार अब बात यहां आती है कि पार्टी लाइन के बाहर जा करके बोलने वाले नेताओं के खिलाफ मायावती तुरंत ऐक्शन लेती है। उसे पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा देती है। लेकिन उमेश पाल हत्याकांड मामले में नामजद शाइस्ता परवीन फरार को मायावती ने अभी तक पार्टी से बाहर नहीं किया। वह पार्टी की सदस्य बनी हुई हैं। फिलहाल पार्टी शाइस्ता और उनके परिवार के किसी भी सदस्य को मेयर के चुनाव में टिकट नहीं देगी।
दलित- मुस्लिम गठजोड़ पर बसपा की नजर मायावती अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन को पार्टी से बाहर न निकालने की बात कहकर खुद उनके साथ खड़ी नजर आ रही हैं। मायावती का स्टैंड कई सियासी समीकरणों की ओर इशारा कर रहा है। खुलकर किसी के खिलाफ कुछ नहीं बोलना लेकिन शाइस्ता परिवार का साथ देना, बताता है कि मायावती की नजर दलित- मुस्लिम गठजोड़ पर है।
खोई हुई जमीन तलाशने में जुटी बसपा बसपा सुप्रीमों मायावती अपनी खोई हुई जमीन को मजबूत करने की कोशिश कर रही हैं। यानी कि सियासी बैलेंस बनाने की कवायद चल रही है। बसपा इस समय अपने बहुत दौरे से गुजर रही है। मायावती का साथ छोड़कर पार्टी के तमाम बड़े नेता चले गए हैं या फिर उन्हें बाहर निकाल दिया गया।
बसपा का वोटबैंक भी खिसकर करीब 13 फीसदी पर पहुंच गया। वर्तमान में बीएसपी के एक विधायक हैं। ऐसे में मायावती यूपी की सियासी पिच पर एक बार फिर से दलित-मुस्लिम और अति पिछडा वर्ग को जोड़कर तैयार कर रही है। वहीं, पार्टी प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल के जरिए अति पिछड़े वोटबैंक को साधने का दांव चल रही हैं।
इसी रणनीति पर मायावती और उनकी पार्टी चल रही है। इसी वजह से अभी तक शाइस्ता को पार्टी से बाहर नहीं निकाला गया है। मायावती ने मीडिया से कहा कि जहां तक अतीक की पत्नी को पार्टी में रखने या न रखने का जहां तक सवाल है तो उनके पुलिस के गिरफ्त में आते ही जो भी इस केस को लेकर उनके बारे में तथ्य उभरकर सामने आएंगे तब इसका भी जल्द ही फैसला कर दिया जाएगा। हमारी पार्टी कानून से ऊपर नहीं है, हमारी पार्टी कानून का पूरा-पूरा सम्मान करती है।
शाइस्ता खुद को फंसता देख हो गई फरार अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन उमेशपाल हत्याकांड में फरार चल रही हैं। उमेशपाल हत्याकांड मामले में पुलिस ने शाइस्ता परवीन से पूछताछ की। शाइस्ता खुद को फंसता हुए देख फरार हो गई। कई सीसीटीवी फुटेज में शाइस्ता उमेश पाल के हत्यारों के साथ दिखी थी। हत्याकांड के बाद भी शाइस्ता और शूटरों के बीच मुलाकात का मामला सामने आया। इसको देखते हुए पुलिस ने शाइस्ता को भी उमेश पाल हत्याकांड के साजिशकर्ता के रूप में माना है। गिरफ्तारी के लिए लगातार कई स्थानों पर छापे मारे जा रहे हैं। हालांकि, पुलिस के हाथ अब तक सफलता नहीं लग सकी है। शाइस्ता परवीन पर 50,000 रुपए की इनाम राशि है।
अतीक का पूरा कूनबा नामजद बता दें कि 24 फरवरी को उमेश पाल और उनके दो सुरक्षाकर्मियों संदीप निषाद और राघवेंद्र की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने माफिया अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, दो बेटों, अतीक के साथी गुड्डू मुस्लिम, गुलाम मोहम्मद और 9 अन्य साथियों पर केस दर्ज कराया था।