लखनऊ. कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए बीते दिनों हाईकोर्ट ने सजायाफ्ता बंदियों को आठ-आठ सप्ताह की पैरोल पर छोड़े जाने का फैसला सुनायाथा। फैसले अनुसार, उच्चाधिकार प्राप्त समिति की संस्तुतियों पर 2256 सजायाफ्ता बंदियों को आठ-आठ सप्ताह की पैरोल पर छोड़ा गया था। अब समय सीमा समाप्त हो जाने पर बंदियों की जेल वापसी की प्रक्रिया शुरू होनी है। लेकिन समस्या ये है कि यूपी की जेलों से पैरोल पर छोड़े गए कैदी लौट कर वापस नहीं आ रहे हैं। बल्कि जेलों मे बंद कैदी अब धीरे-धीरे गायब हो रहे हैं। पैरोल वक्त बीतने के बाद भी कैदी वापस नहीं लौटे हैं। इसलिए सरकार ने इनकी गिरफ्तारी के लिए अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है। उधर, डीजी जेल आनन्द कुमार ने पैरोल पर छोड़े गए सजायाफ्ता बंदियों को गिरफ्तार कर वापस जेल में दाखिल कराने के निर्देश दिए हैं। संबंधित जेलों के अधीक्षकों ने पैरोल पर छोड़े गए बंदियों को गिरफ्तार कर वापस जेल में दाखिल कराए जाने के लिए जिलों के एसएसपी व एसपी को पत्र लिखे हैं।
1367 बंदियों की जेल वापसी का इंतजार शासन ने पैरोल पर रिहा किए गए बंदियों को तीन दिन के भीतर जेल भेजने का आदेश 19 नवंबर को दिया था। 2256 बंदियों में से चार की मौत हो चुकी है, जबकि 136 बंदियों की अंतिम रूप से रिहाई की गई है। उधर, कारागार मुख्यालय के अधिकारियों के अनुसार 56 बंदी अन्य वाद में जेल में निरुद्ध हैं। इस तरह 2060 सजायाफ्ता बंदियों को फिर से जेल में दाखिल होना है। इनमें 693 बंदी अब तक कारागारों में वापस आ चुके हैं, जबकि पैरोल पर रिहा किए गए 1367 बंदियों की तलाश कराई जा रही है।
जेल प्रशासन को बंदियों की नहीं जानकारी 1367 बंदियों को जेल में वापस लौटना है, जो अबी तक समय सीमा पूरी होने के बाद भी नहीं लौटे हैं। उनके बारे में जेल प्रशासन को भी कोई जानकारी नहीं है। दरअसल, उत्तर प्रदेश की उच्चाधिकार प्राप्त समिति द्वारा जारी संस्तुतियों में से कुल 2256 सजायाफ्ता बन्दियों को प्रदेश की जेलों से आठ सप्ताह की विशेष पैरोल पर रिहा किए जाने की संस्तुति प्रदान की थी। इसके बाद आठ-आठ सप्ताह के लिए इस विशेष पैरोल को तीन बार बढ़ाया गया था। अब जबकि यूपी में कोरोना का असर कम हो रहा है और धीरे-धीरे जिंदगी पटरी पर लौट रही है, ऐसे में पैरोल की अवधि बीत जाने के बाद भी बड़ी संख्या में सजायाफ्ता बंदी वापस नहीं लौट रहे हैं तो मजबूरन सरकार को कड़ा कदम उठाना पड़ रहा है।