प्रशिक्षण के बाद लिखित परीक्षा प्रशिक्षण 60 दिन चलेगा। उसके बाद उनकी विकासखंड स्तर पर लिखित परीक्षा कराई जाएगी। इसमें मेट के कामकाज से जुड़े सवाल पूछे जाएंगे। परीक्षा देने वाली महिला मेट का आठवीं पास होना जरूरी है। लेकिन अधिकांश महिलाएं इंटर उत्तीर्ण और उच्च शिक्षित हैं। लिखित परीक्षा में जो महिलाएं उत्तीर्ण हो जाएंगी उन्हें अर्धकुशल श्रमिक के रूप में कार्य मिलेगा। वहीं जो असफल होंगी उन्हें फिर से 40 दिन का विशेष प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। दोबारा प्रशिक्षण के बाद फिर लिखित परीक्षा होगी। इसमें जो चुनी गईं वो महिला मेट के कार्य के लिए सिलेक्ट होंगी। जो उत्तीरण नहीं हो पाईं उन्हें तीसरा मौका नहीं मिलेगा। असफल होने वाली महिलाएं श्रमिक के रूप में मनरेगा में कार्य कर सकती हैं लेकिन, मेट बने रहने के लिए उन्हें दक्षता दिखानी ही होगी।
जल्द जारी होंगे आदेश मनरेगा के अपर आयुक्त योगेश कुमार ने इस संबंध में कहा कि लोक निर्माण विभाग के 18 जोन में दी जा रही अर्धकुशल मजदूरी की तर्ज पर महिलाओं को भुगतान मिलेगा। महिलाओं की लिखित परीक्षा और प्रशिक्षण के लिए योजना बनाई जा रही है, जल्द ही इस संबंध में आदेश निर्गत किए जाएंगे।