बन्दीमाता मन्दिर का इतिहास मन्दिर की सेवादार वैशाली सक्सेना ने बताया कि अयोध्या से हनुमान जी अलीगंज के नया हनुमान मन्दिर जाने के दौरान बाल्मीकि आश्रम जाने के उदेश्य से बन्दी माता मन्दिर आये थे। अहिरावण जब राम लक्ष्मण को बलि देने जा रहा था तब हनुमान जी ने बन्दीमाता का स्मरण किया था। बन्दीमाता के आशीर्वाद से ही हनुमान जी ने अहिरावण का वध किया। तभी से बन्दीमाता के रुप में हनुमान जी की पूजा होती है।