इन धाराओं में दर्ज हुई FIR-
मिली जानकारी के मुताबिक, अधिवक्ता राकेश कुमार अवस्थी के खिलाफ 14 अप्रैल को भाजपा कार्यालय प्रभारी भारत दीक्षित ने एसबीआई बैंक द्वारा संपर्क किए जाने पर मामले का संज्ञान लिया और तुरंत एफआईआर दर्ज कराई। पुलिस ने इसको देखते हुए आईपीसी की धारा 419, 420, 468 और 469 के तहत मामला दर्ज कर लिया है और पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है।
मिली जानकारी के मुताबिक, अधिवक्ता राकेश कुमार अवस्थी के खिलाफ 14 अप्रैल को भाजपा कार्यालय प्रभारी भारत दीक्षित ने एसबीआई बैंक द्वारा संपर्क किए जाने पर मामले का संज्ञान लिया और तुरंत एफआईआर दर्ज कराई। पुलिस ने इसको देखते हुए आईपीसी की धारा 419, 420, 468 और 469 के तहत मामला दर्ज कर लिया है और पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है।
जांच में हुआ खुलासा- आरोपी अधिवक्ता राकेश कुमार अवस्थी ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को बैंक का लीगल एडवाइजर बनाने के लिए सिफारिश के रूप में केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु और महेंद्र नाथ पांडे के लेटर पैड का इस्तेमाल किया था। शिकायत के बाद पुलिस ने इन दस्तावेजों की ठीक तरीके जांच कराई, जो बाद में फर्जी पाए गए। लेकिन बताया जा रहा है कि पुलिस ने आरोपी से अब तक पूछताछ नहीं की है।
बैंक ने दिखाई मुस्तैदी-
भाजपा की तरफ से सिफारिश आने पर एसबीआआई बैंक ने मुस्तैदी दिखाई। केंद्रीय मंत्री और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के पत्र आने पर बैंक को शक हुआ जिसके बाद स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के जनरल मैनेजर ने इसकी सत्यता की जांच के लिए बीजेपी कार्यालय को संपर्क किया। जानकारी होते ही लेटर पैड और उसपर किये गए हस्ताक्षर की जांच के लिए हजरतगंज थाने में इसकी शिकायत की गई।
भाजपा की तरफ से सिफारिश आने पर एसबीआआई बैंक ने मुस्तैदी दिखाई। केंद्रीय मंत्री और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के पत्र आने पर बैंक को शक हुआ जिसके बाद स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के जनरल मैनेजर ने इसकी सत्यता की जांच के लिए बीजेपी कार्यालय को संपर्क किया। जानकारी होते ही लेटर पैड और उसपर किये गए हस्ताक्षर की जांच के लिए हजरतगंज थाने में इसकी शिकायत की गई।